प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में संलिप्तता के बारे में खबरों से पता चला : मुख्य आरोपी के ससुर

मामले में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की विभिन्न धाराओं में अभी तक 19 आरोपियों को दोषी करार दिया जा चुका है. उनमें से तीन को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी और 10 अन्य को आठ साल की सजा सुनायी गयी है.

Advertisement
Read Time: 16 mins

केरल में 2010 में एक प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में मुख्य आरोपी के ससुर ने दावा किया कि उनके परिवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के प्रति झुकाव रखने वाले सवाद की इस मामले में संलिप्तता के बारे में मीडिया में आ रही खबरों के जरिए पता चला. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने इस मामले में सवाद को 10 जनवरी को गिरफ्तार किया था.

कर्नाटक के उल्लाल में एक धार्मिक स्थल पर सवाद से पहली बार हुई मुलाकात को याद करते हुए उसके ससुर ने बृहस्पतिवार को बताया कि उस वक्त उसने अपने आप को शाहजहां बताया था और कहा था कि वह केरल के कन्नूर जिले में एक सभ्रांत परिवार से ताल्लुक रखता है. कासरगोड के रहने वाले उसके ससुर ने बताया कि सवाद से वह काफी प्रभावित हुए थे. उन्होंने दावा किया कि सवाद गरीब है, उसने 2016 में उनकी बेटी से शादी की थी और कोई दहेज नहीं लिया था. उनकी चार बेटियां हैं.

उसके ससुर ने दावा किया कि निकाह के दौरान भी सवाद ने स्थानीय मस्जिद के प्राधिकारियों को अपना नाम शाहजहां बताया था. उन्होंने बताया कि शादी के बाद सवाद ‘‘कन्नूर जिले में किराये के एक मकान में रहने से पहले करीब एक महीने तक मेरे घर में रहा.''

ऐसा बताया जाता है कि सवाद बार-बार नौकरियां बदलता था और लंबे समय तक किसी एक जगह पर रहने से बचता था. उसके चार साल और नौ माह के दो बच्चे हैं और वे एक साल से अधिक समय से कन्नूर जिले के मट्टनूर में किराये के एक मकान में रह रहे हैं.

एक बढ़ई के वेश में आरोपी ने पड़ोसियों से अपना परिचय शाहजहां के तौर पर कराया, खुद को विचारशील व्यक्ति के तौर पर पेश किया और स्थानीय लोगों से नजदीकी बनाए रखने से परहेज किया. सवाद पिछले 13 वर्षों से फरार था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था.

एनआईए ने खुलासा किया कि आरोपी इडुक्की जिले के थोडुपुझा के न्यूमैन कॉलेज में बी.कॉम छात्रों की एक परीक्षा के लिए तैयार किए मलयालम प्रश्न पत्र में पैगंबर मोहम्मद का कथित तौर पर उपहास उड़ाने वाले प्रोफेसर टी जे जोसेफ का हाथ काटने की घटना में शामिल था.

Advertisement

मामले में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की विभिन्न धाराओं में अभी तक 19 आरोपियों को दोषी करार दिया जा चुका है. उनमें से तीन को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी और 10 अन्य को आठ साल की सजा सुनायी गयी है.

मामले के सभी आरोपी या तो प्रतिबंधित पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता या कार्यकर्ता थे और मुवत्तुपुझा में प्रोफेसर जोसेफ पर हमले से संबंधित आपराधिक साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे.

Advertisement

आरोपियों ने चार जुलाई, 2010 को जोसेफ के परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में प्रोफेसर पर दिनदहाड़े जघन्य हमला किया था, जब वह रविवार की सुबह प्रार्थना सभा के बाद चर्च से लौट रहे थे तथा घटनास्थल से भागने से पहले लोगों के बीच दहशत फैलाने के लिए उन पर बम फेंका था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Elections 2024 Exit Poll: J&K में बड़ा खेल, BJP को रोकने के लिए क्या करेंगे Rahul-Abdullah-Mufti