कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर किसानों के खरीद की गारंटी सुनिश्चित करने की मांग की है .अपना पत्र उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए किया है. सीएम को भेजे गए पत्र में प्रियंका ने लिखा है कि उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों से मुझे लगातार सूचनाएं आ रहीं हैं कि गेहूं की खरीद में किसानों को बहुत परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई लेकिन कोरोना महामारी के चलते क्रय केंद्रों पर ताला लटकता रहा. जैसे ही किसानों का गेहूं, क्रय केंद्रों पहुंचने लगा, उसी समय खरीद को कम करके आधा कर दिया गया.
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प्रियंका ने पत्र में लिखा है कि पंजाब और हरियाणा जैसे प्रदेशों में गेहूं की सरकारी ख़रीद कुल उत्पादन का 80-85% तक होती है, जबकि उत्तरप्रदेश में 378 लाख मीट्रिक टन उत्पादित गेहूं के मात्र 14% हिस्से की सरकारी केंद्रों पर खरीद हुई है. बहुत सारे किसान अपना गेहूं नहीं बेच पाए हैं. अब क्रय केंद्रों पर किसानों के गेहूं खरीद में सरकारी फरमानों के चलते अफसर नानुकुर कर रहे हैं. कांग्रेस महासचिव ने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम अंतिम किसान तक गेहूं खरीद की सुविधा देंगे, लेकिन बहुत सारे गाँवों में क्रय केंद्र बंद हो गए हैं और किसानों को दूर मंडियों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है, नमी के कारण गेहूं के सड़ने का खतरा है. इस स्थिति में किसान अपनी गाढ़ी पसीने की कमाई को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर होंगे.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी और महंगाई के चलते किसानों की हालत पहले से ख़राब है, ऐसे में उनकी फसल की खरीद न हो पाने या औने-पौने दामों में गेहूं बेचने के लिए मजबूर होने जैसी स्थिति किसानों की कमर तोड़ देगी. पत्र के अंत में प्रियंका ने तीन प्रमुख मांग की हैं. उन्होंने मांग की है कि क्रय केंद्रों पर 15 जुलाई तक किसानों के गेहूं खरीद की गारंटी की जाए. उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा है कि प्रत्येक क्रय केंद्र पर खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए भटकना न पड़े. महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा है कि कई जिलों से इस तरह की खबरें आ रहीं हैं कि एक किसान से एक बार में अधिकतम 30 या 50 कुंतल गेहूं खरीदा जा रहा है. इससे किसान बहुत परेशान हैं. इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर किसानों से अधिकतम खरीद की जाए.