देश में आज हम आजादी का 75 वां साल उत्साह से मना रहे हैं. भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की बात कर रहे हैं. एक देश की समृद्धि को आंकने के कई पैमाने होते हैं, उनमें से एक उसके उद्यम, उद्योग, कारोबार, व्यापार, आर्थिक नीतियां अहम हैं. हाल ही में एक किताब लिखी गई है 'मेड इन इंडिया' और उसके लेखक हैं नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत. उन्होंने भारत वर्ष के आर्थिक विकास, आर्थिक नीतियों और सफलताओं-विफलताओं का लेखा-जोखा अपने नजरिए से अंकित किया है. NDTV के साथ अमिताभ कांत ने खास बातचीत की और बताया कि देश में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका काफी अहम है.
अमिताभ कांत ने कहा कि 1700 ईस्वी में दुनिया की जीडीपी में हमारा हिस्सा 24 फीसदी था. आजादी के वक्त वो 5 प्रतिशत पर आ गया था. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश राज खत्म होने के बाद हमने अपना लाइसेंस राज शुरू कर दिया.हमने बहुत साल लाइसेंस राज रखा. उन्होंने कहा कि 1991 के बाद हमने कई लाइसेंस हटाए, लेकिन ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर कई चुनौतियां रहीं. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद हमने कई प्रमुख सुधार किए. उसमें ईज ऑफ डूंइग बिजनेस, फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट का खोला जाना, स्टार्टअप मूवमेंट लाना और कई डिजीटल ट्रांसफोर्मेशन और काफी बैंक अकाउंट खोले जाने शामिल हैं.
प्राइवेट सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका
उन्होंने कहा कि अगर भारत को अगले तीन दशक में ग्रोथ करनी है तो प्राइवेट सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका है. भारत और राज्य सरकारों की भूमिका नीति निर्धारण और सामाजिक क्षेत्रों में है. देश को आगे ले जाने के लिए बिजनेस के क्षेत्र को प्राइवेट सेक्टर के लिए छोड़ना चाहिए.
ग्लोबल चैंपियन जरूरी : कांत
उन्होंने कहा कि लाइसेंसिंग की वजह से प्राइवेट सेक्टर को हम बहुत ही ज्यादा कंट्रोल में ले जाए, जबकि हमारे यहां पर प्राइवेट सेक्टर खुला था. यदि हम प्राइवेट सेक्टर को खुला छोड़ते तो कई सेक्टर में हमारी ग्रोथ होती. हमारे लिए ग्लोबल चैंपियंस बनाने बेहद जरूरी हैं, जब तक हम ग्लोबल चैंपियन नहीं बनाएंगे तो हमारे यहां पर एमएसएमई सेक्टर की ग्रोथ नहीं होगी.
'55 करोड़ बैंक अकाउंट खोले गए'
अमिताभ कांत ने कहा कि हमने ऐसे बिजनेस बना रखे थे, जो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को रोकते थे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर बहुत फोकस किया और फोरन डायरेक्टर इंवेस्टमेंट को पूरी तरह से खोला. उन्होंने कहा कि देश में डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन बहुत जबरदस्त हुआ है. 2015 से 2017 तक 55 करोड़ बैंक अकाउंट खोले गए. इसका मतलब है कि उस वक्त दुनिया में खोले गए 55 प्रतिशत बैंक अकाउंट में से हर दूसरा बैंक अकाउंट भारत में खोला गया. यह सुधार भारत को अगले दशक में भारत को ग्रोथ की ओर ले जाएंगे.
'भारत की ताकत पर किया फोकस'
उन्होंने कहा कि जब इंक्रेडेबल इंडिया लॉन्च किया गया तो न सिर्फ भारत में बल्कि दूसरे देशों में भी पर्यटन में गिरावट थी. हमारे यहां पर कंज्यूमर डिमांड नहीं थी और हमने कंज्यूमर डिमांड के लिए इंक्रेडेबल इंडिया लॉन्च किया था. उस वक्त भी हमने भारत की ताकत पर फोकस किया था. पर्यटन में जितनी क्षमता भारत में है, वो किसी और देश में नहीं है. हमें अपनी क्षमता को आगे लाना जरूरी है.
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