'विशाल भारत को अपने में समेटने का प्रयास करता है कुंभ' - 'वैचारिक महाकुंभ' के अंतिम दिन पीएम मोदी

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नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के ग्राम निनौरा में सिंहस्थ कुंभ के दौरान हो रहे तीन-दिवसीय अंतरर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ का समापन शनिवार को हो रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी ने सिंहस्थ महाकुंभ का मेनिफेस्टो जारी किया। उन्होंने कहा कि 'हम सभी लोग आत्मा के अमरत्व से जुड़े हैं। कुंभ मेला पुरातन परंपराओं में से एक है और विशाल भारत को अपने आप में समेटने का प्रयास कुंभ से ही शुरू हुआ है।'

विचार महाकुंभ की बात करते हुए पीएम ने कहा कि 'यहां एक नए प्रयास का जन्म हो रहा है, कई सालों पहले जो हुआ है उसके आधुनिक संस्करण का जन्म हो रहा है। हम एक ऐसी परंपरा का हिस्सा हैं जहां भिक्षुक कहता है कि जो मुझे दान दे उसका भी भला हो और जो न दे उसका भी कल्याण हो।'

ज्ञान अमर है और रहेगा
पीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए कहा कि उन्होंने देश से एक बार का खाना त्याग करने का आह्वान किया था और कईयों ने उनके कहे का पालन भी किया। ज्ञान अमर है और हर युग में उसका महत्व रहेगा।' अपनी बात पूरी करते हुए पीएम ने कहा 'एक वक्त था जब समुद्रों को पार करना अशुभ माना जाता था लेकिन अब वह नज़रिया बदला है। इसी तरह कई परंपराएं वक्त के साथ बदल सकती हैं।' पीएम ने कहा कि 'क्या हम दुनिया को कुंभ के आयोजन क्षमता के बारे में अवगत नहीं करवा सकते। क्यों न हर साल विचार कुंभ का आयोजन किया जाए और हम बेटियों की पढ़ाई और पर्यावरण पर चर्चा करें।'

'नैतिक श्रेष्ठता' की सोच
दुनिया भर में हो रहे संघर्षों पर रोशनी डालते हुए पीएम ने कहा 'आज 'नैतिक श्रेष्ठता' की सोच ही संघर्ष की वजह बनी हुई है। हमें अपने भीतर झांकना होगा और देखना होगा कि किस तरह हम खुद को विकसित कर सकते हैं।' इस मौके पर श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना सहित पांच देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं, वहीं भारत के चार अलग-अलग राज्य के मुख्यमंत्री भी बतौर अतिथि विशेष रूप से मौजूद हैं।

प्रधानमंत्री के मध्य प्रदेश प्रवास के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहीं सरकार ने प्रधानमंत्री की अगवानी, स्वागत और सत्कार के लिए लोक स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा को मिनिस्टर इन वेटिंग नामांकित किया है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस के साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित हैं।

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