PM मोदी के सबसे बुजुर्ग और गरीब मंत्री हैं जीतन राम मांझी, महज इतने लाख के हैं मालिक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सहयोगियों को पांच कैबिनेट मंत्री पद मिले हैं.

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बिहार में सत्ता में रहने के दौरान मांझी विभिन्न मंत्री पद संभाल चुके हैं.
नई दिल्ली:

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री मोदी और 30 कैबिनेट मंत्रियों, स्वतंत्र प्रभार वाले पांच राज्य मंत्रियों और 36 राज्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है. नरेंद्र मोदी के साथ, राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और जेपी नड्डा सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली. नरेंद्र मोदी की नई सरकार में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. जीतन राम मांझी मोदी कैबिनेट के सबसे बुज़ुर्ग मंत्री हैं. जीतन राम मांझी की आयु 78 साल की है. इतना ही नहीं ये कैबिनेट के सबसे गरीब मंत्री भी हैं. इनकी कुल संपत्ति महज 30 लाख रुपये है. वर्तमान में ये इमामगंज से मौजूदा विधायक हैं.

मांझी का राजनीतिक सफर करीब 44 साल लंबा रहा है. वह 1980 से बिहार विधानसभा के सदस्य रहे हैं. वह कई राजनीतिक दलों-कांग्रेस (1980-1990 तक), जनता दल (1990-1996), राष्ट्रीय जनता दल (1996-2005) और जद (यू) (2005-2015) से जुड़े रहे. इन राजनीतिक दलों के बिहार में सत्ता में रहने के दौरान मांझी विभिन्न मंत्री पद संभाल चुके हैं.

साल 2014 में बनें थे बिहार के मुख्यमंत्री

मांझी की राजनीतिक सफर ने उस समय नाटकीय मोड़ लिया था. जब 2014 में नीतीश कुमार ने अप्रत्याशित रूप से उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया था. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जद (यू) के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद दलित समुदाय से आने वाले मांझी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था.

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फरवरी 2015 के राजनीतिक संकट के बाद मांझी को जद (यू) से निष्कासित कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) बनाने की घोषणा की और भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल हो गए. जिससे नीतीश कुमार ने 2013 में इसलिए नाता तोड़ लिया था, क्योंकि भाजपा ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया था.

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सबसे युवा केंद्रीय मंत्री- राम मोहन नायडू

एक होनहार युवा नेता से लेकर ‘सबसे युवा केंद्रीय कैबिनेट मंत्री' तक, राम मोहन नायडू किंजरापु की यात्रा उनकी पार्टी, तेदेपा के प्रति वफादारी और सार्वजनिक सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण है. रविवार को राजग के नए मंत्रिमंडल में उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. 36 साल की उम्र में रविवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले के राम मोहन नायडू श्रीकाकुलम लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं.

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वह दिवंगत तेदेपा नेता के येरन नायडू के पुत्र हैं, जो 1996 में संयुक्त मोर्चा सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री थे. एक सड़क दुर्घटना में येरन नायडू की मृत्यु हो गई थी. राम मोहन नायडू पहली बार 2014 में श्रीकाकुलम से संसद में पहुंचे और 2024 में तीसरी बार उसी निर्वाचन क्षेत्र से यह उपलब्धि दोहराई.

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उन्होंने 2024 के चुनाव में वाईएसआरसीपी के पी. तिलक को 3.2 लाख से ज्यादा वोटों से हराया. राम मोहन नायडू ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल से की और अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, उसके बाद लॉन्ग आइलैंड से एमबीए में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की. प्रारंभ में वह सिंगापुर में अपना कैरियर बनाने में जुटे थे लेकिन 2012 में एक कार दुर्घटना में उनके पिता की मृत्यु के बाद वह राजनीति के क्षेत्र में आ गए.

26 साल की उम्र में बने थे सांसद

उन्होंने 26 साल की उम्र में 2014 में श्रीकाकुलम से लोकसभा सांसद के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, जिससे 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे युवा सांसद के रूप में उनकी पहचान बनी. राम मोहन नायडू के शौक में फोटोग्राफी शामिल है, जिसे उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में गंभीरता से अपनाया। वह खेलों के भी शौकीन हैं, उन्हें बास्केटबॉल और क्रिकेट काफी पसंद हैं.

सबसे अमीर कैबिनेट मंत्री- चंद्रशेखर पेम्मासानी

तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रशेखर पेम्मासानी को राज्य मंत्री बनाया गया है. वह गुंटूर सीट से लोकसभा चुनाव जीते हैं. युवा चंद्रशेखर का यह पहला चुनाव है. चंद्रशेखर ने अमेरिका से पढ़ाई की है. उनकी कुल संपत्ति 5,700 करोड़ रुपए से ज्यादा है. जिसके साथ ही वो मोदी कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री बनते हैं.

पेम्मासानी आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव बुर्रीपालेम से आते हैं. पेशे से चिकित्सक पेम्मासानी तेलुगू देशम पार्टी के साथ हर अच्छे-बुरे दौर में खड़े रहे और पार्टी सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू के करीबियों में हैं और कोई आश्चर्य नहीं कि अब उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्री पद मिल गया है.

पेम्मासानी (48) ने वाईएसआरसीपी के किलारी वेंकट रोसैया को 3.4 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया. डॉक्टर-उद्यमी-राजनेता हैदराबाद के उस्मानिया मेडिकल कॉलेज से स्नातक हैं और उन्होंने 2005 में अमेरिका के पेनसिल्वेनिया के डैनविले स्थित गीसिंजर मेडिकल सेंटर से अपनी स्नातकोत्तर (आंतरिक चिकित्सा में एमडी) की पढ़ाई पूरी की है.

सबसे अनुभवी सांसद- वीरेंद्र कुमार

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ (आरक्षित) सीट से लोकसभा सांसद वीरेंद्र कुमार को रविवार को नरेन्द्र मोदी सरकार में शामिल किया गया. भाजपा के अनुसूचित जाति के प्रमुख चेहरे और आठ बार के सांसद वीरेंद्र कुमार ने टीकमगढ़ (सुरक्षित) सीट से लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है, जिसे 2008 के परिसीमन प्रक्रिया में बनाया गया था. इससे पहले, उन्होंने बुंदेलखंड की पड़ोसी सागर लोकसभा सीट का चार बार प्रतिनिधित्व किया. ये सबसे अनुभवी सांसद हैं.

उन्होंने सागर में साइकिल पंचर रिपेयर की दुकान पर अपने पिता के साथ छोटी उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था, उसके बाद उन्होंने बाल श्रम विषय में पीएचडी की. उन्हें सितंबर 2017 में पहली बार महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया था.

कुमार (70) अपनी साधारण पृष्ठभूमि को नहीं भूलने के लिए जाने जाते हैं और उन्हें अक्सर स्कूटर चलाते और टायर पंचर ठीक करने वालों से बात करते देखा जा सकता है. आपातकाल के दौरान उन्हें 16 महीने जेल में रहना पड़ा और उन्होंने 'लोकनायक' जय प्रकाश नारायण के 'संपूर्ण क्रांति आंदोलन' में भी हिस्सा लिया. (भाषा इनपुट के साथ)

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