प्रतापगढ़ जिले की एक विशेष अदालत ने नाबालिग किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपी पुजारी और उसके शिष्य को दोषी करार देते हुए 20-20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) प्रदीप कुमार पांडेय ने रविवार को यह जानकारी दी.
पांडेय ने बताया कि अपर जिला सत्र न्यायाधीश (यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) अधिनियम) आलोक द्विवेदी की अदालत ने शनिवार को सामूहिक दुष्कर्म के मुक़दमे की सुनवाई करते हुए दोषी श्याम पुजारी व उसके शिष्य दौलत को 20-20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
एडीजीसी ने घटना के संदर्भ में बताया कि जिले के अंतू थाना पुलिस को दी गयी शिकायत में वादी ने आरोप लगाया कि आठ अप्रैल 2016 की शाम साढ़े सात बजे उसकी 15 वर्षीय बेटी हैंडपंप पर पानी भरने गयी थी, तभी गांव के ही श्याम पुजारी व उसके शिष्य दौलत ने उसे धोखे से बुलाया और बाथरूम में ले जाकर दोनों ने उससे सामूहिक दुष्कर्म किया.
पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की संबधित धाराओं तथा पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच पूरी की और अदालत में आरोप पत्र दायर किया.
अदालत ने मुकदमे की सुनवाई करते हुए अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद साक्ष्य के आधार पर दोषी श्याम पुजारी व दौलत को 20-20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)