स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशभर की निगाहें छत्तीसगढ़ के उन बहादुर जवानों पर हैं, जिन्होंने नक्सल मोर्चे पर अदम्य साहस और बलिदान का परिचय दिया. राष्ट्रपति द्वारा इन जांबाज पुलिसकर्मियों को वीरता पदक से सम्मानित किया जा रहा है.
सुकमा के रणबांकुरे
7 मई 2023 को सुकमा जिले के थाना भेड़ी क्षेत्र के ग्राम डोरासेपुंग में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए और भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए. इस साहसिक अभियान के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा, उप निरीक्षक संदीप कुमार और आरक्षक मडकम पाणे को वीरता पदक प्रदान किया जाएगा.
इसके अलावा, 12 अगस्त 2020 को थाना चिंतलनार के ग्राम पुटुमपाड़ मेकलरजुड़ में चार माओवादियों को ढेर करने वाले आरक्षक मडकम हुस्मा, मडकम हुगा, वास्सु हुगा और सहायक आरक्षक रोशन गुट्टा भी इस सम्मान के हकदार बने हैं.
शहादत को सलाम
25 फरवरी 2023 को थाना अरनपुर क्षेत्र में हुए नक्सली हमले में सजनी रामूराम नाग, आरक्षक कुंगमा माडवी और आरक्षक वांगो भीमा शहीद हो गए थे. इन्हें मरणोपरांत वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा.
दंतेवाड़ा के जाबांज
20 अप्रैल 2021 को थाना अरनपुर क्षेत्र में मुठभेड़ में एक माओवादी को मार गिराने वाले प्रधान आरक्षक सूरज मरकाम और आरक्षक माडवी सन्नू को यह सम्मान मिलेगा. वहीं, 13 जनवरी 2021 को टेटेकटेंगु–माजुम में मुठभेड़ में एक माओवादी को ढेर करने वाले सीसी कोरौ सिंह और आरक्षक पुसुले देवायण को भी वीरता पदक से नवाज़ा जाएगा.
देश के लिए गर्व का क्षण
इन वीर सपूतों ने कठिन जंगलों, ऊंची पहाड़ियों और गोलियों की बौछार के बीच अपनी जान की परवाह न करते हुए डटकर मुकाबला किया. उनका साहस, कर्तव्यनिष्ठा और बलिदान न केवल छत्तीसगढ़ पुलिस, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है. राष्ट्रपति का यह सम्मान नक्सल मोर्चे पर तैनात हर उस जवान के जज्बे को सलाम है, जो मातृभूमि की रक्षा के लिए हर पल तैयार खड़ा है.