राष्ट्रपति चुनाव पर शिवसेना की बगावत का क्या हो सकता है असर, द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में बढ़ेंगे वोट?

एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद अब महाराष्ट्र में सरकार भी बदल गई है और मुख्यमंत्री का चेहरा भी. इसका मतलब अब यह है कि पार्टी के कुछ सांसद एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन कर सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
एकनाथ शिंदे गुट की बगावत का असर राष्ट्रपति चुनाव पर कैसा रहेगा?
मुंबई:

शिवसेना में पिछले दिनों हुए बगावत का असर राष्ट्रपति चुनाव पर देखा जा सकता है. पार्टी सांसदों की वोटिंग बड़ा खेल कर सकती है. उद्धव ठाकरे का गुट विपक्ष के विमर्श में शामिल रहा था और इसने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन भी कर दिया था. हालांकि, एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद अब महाराष्ट्र में सरकार भी बदल गई है और मुख्यमंत्री का चेहरा भी. इसका मतलब अब यह है कि पार्टी के कुछ सांसद एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन कर सकते हैं.

राष्ट्रपति चुनाव के लिए कोई व्हिप भी जारी नहीं किया जाता, सांसद अपनी इच्छानुसार वोट डाल सकते हैं. 

अभी गुरुवार को ही शिवसेना के एक सांसद ने उद्धव ठाकरे से एनडीए की उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने को कहा था. सेना सांसद राहुल शेवले ने ठाकरे को चिट्ठी लिख कहा था कि "उनके (जनजातीय) बैकग्राउंड और सामाजिक क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए, मैं आपसे अपील करता हूं कि आप मुर्मू को अपना समर्थन दें और सभी सेना सांसदों को ऐसा करने का निर्देश दें."

इस चिट्ठी से यह संकेत भी सामने आए कि पार्टी के कुछ सांसद बागी सांसदों के साथ मुर्मू को ही वोट दे सकते हैं.

जानें, भारत के अब तक के राष्ट्रपतियों से जुड़ी रोचक और अनजानी बातें

NDTV के साथ एक इंटरव्यू में शिवसेना के सांसद और उद्धव ठाकरे के करीबी अरविंद सावंद ने कहा कि वो लोग ऐसी संभावनाओं से अनजान नहीं हैं. शिवसेना किस उम्मीदवार को समर्थन देगी, यह पूछे जाने पर सावंत ने कहा कि "वो उद्धव ठाकरे तय करेंगे और उनकी सलाह के मुताबिक, हम लोग वोट डालेंगे. इसमें कोई सवाल ही नहीं है."

जब उनसे पूछा गया कि क्या संसद में सेना के सांसदों के विचार इस मामले में बंटे हुए हैं, तो उन्होंने कहा कि "संसद की बात आती है तो पार्टी अभी भी साथ है." हालांकि, सदन में बहुत से सांसद ऐसे हैं जो बागी गुट में शामिल रहे हैं और बहुत संभव है कि वो एनडीए के कैंडिडेट को वोट डालेंगे.

सावंत ने आगे कहा, "हम शिवसेना पार्टी हैं. हमारे पास 19 सांसद हैं. जो जाना चाहते हैं वो इस्तीफा डालकर जा सकते हैं. और अगर वो विधानसभा की तरह यहां भी साजिश रचना चाहते हैं तो उनके पास दो-तिहाई नंबर होना चाहिए, आंकड़ा 12 से कम नहीं होना चाहिए. क्या उनके पास 13 सांसद हैं?" 

Advertisement

सेना के कुछ वोट इधर-उधर होने से चुनाव के नतीजों पर बहुत बड़ा असर नहीं देखने को मिल सकता है, क्योंकि सरकार को संभवत: ज्यादा फायदे मिलते दिख रहे हैं. कई गैर-एनडीए दल जिसमें नवीन पटनायक का बीजू जनता दल भी शामिल है- अपना समर्थन मुर्मू को दे चुके हैं. नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ने भी उन्हें समर्थन दिया है.

Video : BJP और सहयोगियों दलों ने गुवाहाटी पहुंची द्रौपदी मुर्मू का भव्य तरीके से किया स्वागत

Advertisement
Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?
Topics mentioned in this article