राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के संयुक्त सदन को संबोधित किया, जिसके बाद आज से बजट सत्र की शुरुआत हो गई. हर साल बजट की शुरुआत राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण से शुरू होती है, जिसमें राष्ट्रपति सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हैं. इस बार का बजट कोरोनावायरस और कृषि आंदोलन के बीच आ रहा है. इस बार के अभिभाषण में काफी कुछ अलग था, जिनमें कुछ मुद्दों पर राष्ट्रपति की टिप्पणियों ने ध्यान खींचा.
इनमें से एक बात रही राम मंदिर के निर्माण के मुद्दे का. राष्ट्रपति अपने भाषण में कह रहे थे कि मोदी सरकार के कार्यकाल में कुछ ऐसे काम हुए हैं, जो कभी बहुत मुश्किल माने जाते थे. इसके साथ उन्होंने राम मंदिर के निर्माण और जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले का जिक्र किया.
राष्ट्रपति ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में देश ने अनेक ऐसे काम कर दिखाए हैं जिनको कभी बहुत कठिन माना जाता था. आर्टिकल 370 के प्रावधानों के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को नए अधिकार मिले हैं. उच्चतम न्यायालय के फैसले के उपरांत भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है.'
बता दें कि नवंबर, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को हरी झंडी दे दी थी, जिसके बाद जून, 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बकायदा भूमि पूजन की थी. अयोध्या मंदिर का मॉडल सामने आ चुका है. इसका निर्माण कार्य भी चल रहा है. निर्माण के लिए देशभर से चंदा जुटाया गया है, जिसके तहत मंदिर निर्माण का कार्यभार देख रहे रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने गांवों-गांवों से चंदा लिया है.
राम मंदिर और राष्ट्रपति के नाम का एक साथ अभी जिक्र कुछ दिनों पहले तब भी हुआ था, जब इस चंदा रैली की शुरुआत राष्ट्रपति के चंदा देने शुरू हुई थी. बता दें कि 15 जनवरी को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिला था, जहां राष्ट्रपति ने मंदिर निर्माण के लिए पांच लाख 100 रूपए का दान दिया था.
दिलचस्प है कि गणतंत्र दिवस की परेड में राम मंदिर के मॉडल की झांकी भी पेश की गई थी, जिसकी काफी चर्चा हुई थी.