स्वच्छता से ही भारत स्वस्थ और विकसित बनेगा : MP में सफाई मित्रों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘‘सफाई मित्रों (सफाई कर्मचारी) को सम्मानित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है. स्वच्छता से ही देश स्वस्थ और विकसित बनेगा.

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नई दिल्ली:

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने गुरुवार को मध्यप्रदेश में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. उन्होंने सफाई मित्रों को भी सम्मानित किया और इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के हीरक जयंती वर्ष के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया. राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को दुनिया का सबसे विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए महिलाओं को उच्च शिक्षा हासिल करने और आत्मनिर्भर बनने के वास्ते प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है. वहीं उज्जैन में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छता से ही देश स्वस्थ और विकसित बनेगा.

इंदौर में दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने आह्वान किया कि आधी आबादी को हर तबके की मदद मिलनी चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा,‘‘मैं सभी शिक्षण संस्थानों और शिक्षकों से कहना चाहूंगी कि वे बेटियों को उच्च शिक्षा हासिल करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करें क्योंकि हम भारत को 2047 तक सबसे विकसित और सबसे आगे चलने वाला देश बनाना चाहते हैं.''

राष्ट्रपति ने कहा,‘‘…इसलिए आधी आबादी के रूप में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको महिलाओं को सहयोग और प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है. अगर आपके सहयोग और मार्गदर्शन से हमारी बेटियां बड़े सपने देखकर उन्हें साकार करेंगी, तभी आप सही मायने में देश के विकास में भागीदार बन पाएंगे.'' राष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि उन्होंने दीक्षांत समारोह में जिन मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण और रजत पदकों से नवाजा, उनमें छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है.

राष्ट्रपति ने इंदौर के पूर्व होलकर राजवंश की शासक देवी अहिल्याबाई को उनकी 300वीं जयंती पर उनके कुशल प्रशासन, न्यायपरायणता, महिला सशक्तिकरण, लोक कल्याणकारी कार्यों और जनजातीय विकास के क्षेत्रों में उनके ऐतिहासिक योगदान के लिए याद किया. राष्ट्रपति ने कहा,‘‘देवी अहिल्याबाई का जीवन इस बात का उदाहरण है कि महिलाएं राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों समेत सभी क्षेत्रों में सक्रिय होकर क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती हैं.''

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द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि देवी अहिल्याबाई 18वीं सदी में भी शिक्षा के महत्व को समझती थीं और उनके पिता ने उन्हें उस दौर में शिक्षित किया, जब लड़कियों का पढ़ना आम बात नहीं थी और समाज के लोग इसका विरोध भी करते थे. दीक्षांत समारोह को सूबे के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी संबोधित किया. इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी मौजूद थीं.

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स्वच्छता से ही देश स्वस्थ और विकसित बनेगा: राष्ट्रपति
उज्जैन में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को लोगों से स्वच्छता की दिशा में आगे आने की अपील करते हुए कहा कि स्वच्छता से ही भारत स्वस्थ और विकसित बनेगा. यहां सफाई मित्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुर्मू ने स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार सातवीं बार शीर्ष पर रहने के लिए मध्यप्रदेश के इंदौर शहर और देश में सबसे स्वच्छ राज्य की राजधानी होने के लिए भोपाल की भी प्रशंसा की.

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उन्होंने कहा, ‘‘सफाई मित्रों (सफाई कर्मचारी) को सम्मानित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है. स्वच्छता से ही देश स्वस्थ और विकसित बनेगा. सफाई मित्रों को सम्मानित करके हम खुद को सम्मानित कर रहे हैं.''

मुर्मू ने लोगों से देश को ‘स्वच्छ, स्वस्थ और विकसित' बनाने के लिए एक कदम आगे बढ़ाने की अपील की. राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि देश के गांवों और गलियों में रहने वाले लोग स्वच्छ भारत मिशन के तहत काम करने के लिए आगे आएंगे और ऐसा करने से ही देश महात्मा गांधी के स्वच्छता के आदर्शों को लागू कर पाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी जानते हैं कि स्वच्छता की ओर एक कदम देश को साफ रखने में मदद करेगा. हम सभी को देश को स्वच्छ, स्वस्थ और विकसित बनाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) पिछले 10 वर्षों में एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गया है और इसके परिणामस्वरूप देश में व्यापक बदलाव हुए हैं.

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लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के कारण लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है और इस संबंध में उनके व्यवहार में काफी बदलाव आया है. मुर्मू ने यह भी याद किया कि उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत ओडिशा में अपने गृहनगर में स्वच्छता से की थी, वहां उन्होंने अधिसूचित क्षेत्र परिषद की उपाध्यक्ष के रूप में काम किया था. उन्होंने कहा,‘‘ मैं सफाई कार्यों का निरीक्षण करने और सफाई मित्रों और अन्य लोगों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक वार्ड से दूसरे वार्ड में जाती थी.''

राष्ट्रपति ने सफाई कर्मचारियों की भूमिका की भी सराहना की और उन्हें अग्रिम पंक्ति के योद्धा बताया, क्योंकि उन्होंने शहर को साफ रखने और नागरिकों को गंदगी से जुड़ी विभिन्न बीमारियों से बचाने में प्रमुख भूमिका निभाई है. इस अवसर पर मुर्मू ने चार महिलाओं सहित पांच सफाई मित्रों को सम्मानित किया और 1,692 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली उज्जैन-इंदौर छह लेन सड़क की आधारशिला भी रखी.

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