लखनऊ के लुलु मॉल में कुछ लोगों के नमाज अदा करने को लेकर हुए विवाद पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा ऐतराज जताया है और इस मामले में "अनावश्यक टिप्पणी" करने की आलोचना की है. उन्होंने उस हरकत को लोगों की आवाजाही में "बाधा डालने वाला प्रदर्शन" कहा है.
सीएम आदित्यनाथ ने कहा, "लखनऊ प्रशासन को इस मामले को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और इस तरह के उपद्रव पैदा करने का प्रयास करने वाले उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए. ” योगी आदित्यनाथ
ने ही 10 जुलाई को भारतीय मूल के अरबपति युसूफ अली एमए के अबू धाबी स्थित लुलु ग्रुप द्वारा संचालित इस मॉल का उद्घाटन किया था.
राज्य की राजधानी लखनऊ में 12 जुलाई को मॉल में नमाज अदा करते देखे गए आठ मुस्लिम लोगों में से चार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. नमाजियों का वीडियो वायरल होने और कुछ हिंदू संगठनों द्वारा धार्मिक गतिविधियों के लिए सार्वजनिक स्थान का उपयोग करने वालों द्वारा सांप्रदायिक सद्भाव के उल्लंघन का आरोप लगाने के बाद मॉल के अधिकारियों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज विवाद के बाद पढ़ी गई हनुमान चालीसा, दो गिरफ्तार
मॉल में नमाज पढ़ने के खिलाफ कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध स्वरूप मॉल में हनुमान चालीसा का पाठ करने की अनुमति मांगी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था.
इसके बाद, तीन हिंदू युवकों को गिरफ्तार किया गया था क्योंकि वे 15 जुलाई को मॉल में हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश कर रहे थे. इनके अलावा एक अन्य मुस्लिम व्यक्ति को भी नमाज पढ़ने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अगले दिन, 10 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. मॉल प्रबंधन ने एक बोर्ड लगा दिया है, जिसमें कहा गया है कि मॉल के अंदर किसी भी तरह की धार्मिक प्रार्थना/इबादत की इजाजत नहीं है.
वीडियो : क्या है लखनऊ के 'लुलु' मॉल से जुड़ा पूरा विवाद, यहां समझिए