महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर बुधवार शाम तक 6 करोड़ लोगों ने अमृत स्नान किया है.
प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh 2025) के 16वें दिन की शुरुआत दर्दभरी रही. मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर अमृत स्नान (Amrit Snan) के लिए मंगलवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. आधी रात संगम तट पर भगदड़ (Mahakumbh Stampede) मच गई. हादसे में 30 लोगों की मौत हो चुकी है. 60 श्रद्धालु घायल हुए हैं. मेला प्रशासन ने भीड़ के कंट्रोल करने के लिए ऐहतिहातन प्रयागराज आने वाले सभी 8 एंट्री पॉइंट बंद कर दिए हैं. हादसे के बाद 1920 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.
अमृत स्नान के दिन क्या-क्या हुआ?
- महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान सबसे बड़ा स्नान माना जाता है. 29 जनवरी (बुधवार) को अमृत स्नान करने के लिए सोमवार से ही श्रद्धालु संगम तट पर जुटने लगे थे. मंगलवार दोपहर तक अनुमान के मुताबिक, 2.5 करोड़ लोग पहुंच चुके थे. प्रयागराज में गाड़ियों का 15 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था.
- DIG वैभव कृष्ण ने बताया, "मंगलवार रात 1 से 2 बजे के बीच बहुत भीड़ हो गई थी. कुछ श्रद्धालु मौनी अमावस्या पर ब्रम्ह मुहूर्त में अमृत स्नान के लिए संगम तट पर ही सोए हुए थे. मेले में बैरिकेड्स लगे हैं. घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए, जिसकी वजह से जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालु अफरातफरी में चढ़ गए. कुचलने से जो घायल हो गये, उनमें से कुछ की मौत हो गई."
- संगम नोज पर भगदड़ की स्थिति की जानकारी मिलते ही मेला प्रशासन ने फिलहाल अमृत स्नान को रोक दिया था. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी ने इसकी अपील की थी. जिसके बाद अखाड़े भी कैंप में लौटने लगे थे. तब तक भगदड़ कैसे मची और कितने लोगों की जान गई, इसकी पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई थी.
- दिन निकलता जा रहा था, लेकिन भगदड़ की स्थिति साफ नहीं हो पा रही थी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकुंभ में मचे भगदड़ पर लगातार नजर बनाए हुए थे. CM योगी आदित्यनाथ भी हालात की पल-पल की खबर ले रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे को अत्यंत दुखद करार दिया और इसमें अपने परिजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना जताई.
- भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान करने से इनकार कर दिया था. हालांकि, बाद में हालात सामान्य होने के बाद अखाड़ों ने तय किया कि वह अमृत स्नान में शामिल होंगे. स्नान के लिए संगम में साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई. सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया.
- इस दौरान लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कन्नौज से सपा सांसद अखिलेश यादव ने महाकुंभ के मैनेजमेंट और VIP प्रोटोकॉल पर सवाल उठाए. कई विपक्षी नेताओं ने यूपी की BJP सरकार और मेला मैनेजमेंट की आलोचना की.
- भगदड़ के करीब 17 घंटे बाद मेला मैनेजमेंट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मृतकों और घायलों का आंकड़ा जारी किया. DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि 90 लोग घायल हुए थे. इनमें से 30 लोगों की मौत हुई है. 60 लोगों का इलाज चल रहा है. 25 शवों की शिनाख्त हो चुकी है. भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं के शवों को मेडिकल कॉलेज की मोर्चुरी में ले जाया गया है. DIG ने 29 जनवरी को VIP प्रोटोकॉल नहीं होने की बात कही.
- इसके बाद यूपी के CM योगी आदित्यनाथ का बयान सामने आया. उन्होंने इस हादसे पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए 25-25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया. CM योगी ने इसके साथ ही महाकुंभ भगदड़ की न्यायिक जांच कराने के आदेश दिए.
- मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए उमड़ी संगम पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक्स्ट्रा बैरिकेडिंग लगाई गई है. पुलिस और पैरामिलेट्री फोर्स को तैनात किया गया है. डिफेंस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान बैरिकेडिंग को पकड़कर भीड़ नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं.
- एक अनुमान के मुताबिक, मौनी अमावस्या पर आज रात तक 8 करोड़ श्रद्धालु अमृत स्नान करेंगे. महाकुंभ में अब तक 6.99 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान कर लिया है. 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक करीब करीब 20 करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं.
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