जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने बृहस्पतिवार को अपने पूर्व संरक्षक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य की सडकों को लेकर किए गए दावे को झूठा करार दिया. किशोर ने मधुबनी जिले से गुजरने वाले एक राष्ट्रीय राजमार्ग के वीडियो को ट्विटर के जरिये साझा करते हुए कटाक्ष किया, ‘‘90 के दशक के जंगलराज में बिहार में सड़कों की स्थिति की याद दिलाता यह बिहार के मधुबनी जिले का नेशनल हाईवे 227 (एल) है.'' उन्होंने कहा, ‘‘अभी हाल में ही नीतीश कुमार जी एक कार्यक्रम में पथ निर्माण विभाग के लोगों को बोल रहे थे कि बिहार में सड़कों की अच्छी स्थिति के बारे में उन्हें सबको बताना चाहिए.''
उन्होंने 1990 के दशक के कथित ‘‘जंगल राज'' का संदर्भ लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के शासन के संबंध में दिया जिन्होंने 2005 में नीतीश के नेतृत्व वाले राजग द्वारा पराजित होने से पूर्व 15 साल तक बिहार पर शासन किया था.अराजकता और सड़कों की खराब स्थिति दो प्राथमिक मुद्दे थे जिन पर राजद को आलोचना का सामना करना पड़ा. किशोर ने वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू-नीतीश गठबंधन को जीत दिलाने में मदद की थी और औपचारिक रूप से नीतीश की पार्टी जदयू में शामिल हो गए थे. वह जदयू में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर आसीन किए गए थे.
चुनावी रणनीतिकार से राजनीति में आए किशोर ने अपने गृह राज्य में नीचे से ऊपर की परिवर्तनकारी राजनीति का वादे के साथ अब राजनीति में पूर्णकालिक शुरुआत करते हुए इन दिनों प्रदेश का दौरा कर रहे हैं.हालांकि, किशोर के ट्वीट पर राज्य की सत्तारूढ़ सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अखबार की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसे आईपीएसी के संस्थापक ने साझा किया था.
मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि आलेख में उल्लिखित राष्ट्रीय राजमार्ग पर काम एनएचएआई द्वारा किया जाएगा. हालांकि, सड़क अभी राज्य सरकार द्वारा सौंपी जानी बाकी है. उक्त परियोजना पर काम दो सप्ताह में शुरू हो जाएगा. उल्लेखनीय है कि किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के सफल चुनाव अभियान के बाद प्रसिद्धि पायी, जिसमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने लोकसभा में भाजपा को प्रचंड बहुमत दिलाया था.
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