प्रज्ञान रोवर को चांद पर चलने के दौरान एक बड़ा गड्ढा मिला. चंद्रमा की सतह पर चार मीटर का बड़ा गड्ढा सामने आने के बाद प्रज्ञान रोवर को सुरक्षित रूप से नए रास्ते पर ले जाया गया है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सोमवार दोपहर ट्वीट कर बताया कि रोवर ने किनारे से तीन मीटर की दूरी पर गड्ढा देखा है और अब उसे सुरक्षित रास्ते पर भेज दिया गया है.
एक चंद्र दिवस पूरा होने में सिर्फ 10 दिन बाकी रहने पर, अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने रविवार को कहा कि चंद्रयान-3 का रोवर मॉड्यूल प्रज्ञान, चंद्रमा की सतह पर घूम रहा है. इसरो वैज्ञानिक छह पहियों वाले रोवर के माध्यम से अज्ञात दक्षिणी ध्रुव की अधिकतम दूरी को कवर करने के लिए काम कर रहे हैं.
भारत ने 23 अगस्त को अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाई थी, जब चंद्रयान -3 लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा था. जिससे ये ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाला भारत पहला देश बन गया.
अमेरिका, चीन और रूस के बाद चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला भारत चौथा देश बन गया.