दो चरण, जाति भी पूछी जाएगी... सरकार ने बता दिया जनगणना 2027 का पूरा प्लान

जनगणना-2027 दो चरणों में संपन्न होगी. पहले चरण में अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच घरों की सूची और गणना होगी तथा फरवरी 2027 में लोगों की गिनती की जाएगी.

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  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2027 में होने वाली जनगणना के लिए 11, 718 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है
  • जनगणना 2027 दो चरणों में आयोजित होगी जिसमें अप्रैल से सितंबर 2026 तक घरों की सूची बनाई जाएगी
  • जनगणना में जाति आधारित गणना शामिल होगी और जाति संबंधित प्रश्नावली सरकारी अधिसूचना के तहत निर्धारित होगी
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नई दिल्ली:

भारत में होने वाली जनगणना को लेकर शुक्रवार को बड़ी खबर सामने आयी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2027 में होने वाली जनगणना के लिए 11, 718 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि ‘जनगणना 2027' दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसके तहत अप्रैल और सितंबर 2026 के बीच घरों की सूची तैयार की जाएगी और फरवरी 2027 में जनगणना की जाएगी.

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वर्ष 2027 में होने वाली जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी और जनगणना, 2027 में जाति आधारित गणना को शामिल किया जाएगा. इसका मतलब है कि लोगों की गणना के वक्त उनसे उनकी जाति भी पूछी जाएगी.

जाति कैसे पूछी जाएगी, जानिए अश्विनी वैष्णव ने क्या बताया..

क्या अलग अलग धर्म की जातियों की भी गिनती होगी ?

  • जनगणना कैसे होगी, सवाल क्या पूछे जाएंगे और वह पिछली जनगणना से कैसे अलग होगी, इसका जनगणना ऐक्ट के तहत एक गजट नोटिफिकेशन आएगा.
  • इसमें सारे जवाब मिल आएंगे. गोत्र, जाति के बार में अंतर कैसे करेंगे, उससे अच्छी तरह से विचार-विमर्श के बाद तय किया जाएगा.
  • डिजिटल जनगणना सिस्टम तैयार किया जा रहा है. लोगों की निजी जानकारियों को सेफ रखने का पूरा इंतजाम किया जाएगा.
  • जनगणना का पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगा. दूसरा चरण फरवरी 2027 में होगा.
  • जो आदमी गलत आकंड़े देगा, उसके लिए भी व्यवस्था की गई है.

इससे पहले सरकार ने लोकसभा को भी सूचित किया था कि जनगणना 2027 में वर्तमान निवास पर लोगों के रहने की अवधि और प्रवास के कारण से संबंधित प्रश्न भी शामिल होंगे.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि जनगणना में प्रत्येक व्यक्ति की जानकारी उस स्थान पर एकत्र की जाती है, जहां वे गणना की अवधि के दौरान पाए जाते हैं.

गृह राज्य मंत्री एक संसद सदस्य के इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या जनगणना-2027 के दौरान प्रवासी श्रमिकों और अस्थायी निवासियों की गणना के लिए कोई विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं और क्या इसके लिए एक अलग डेटा संग्रह प्रक्रिया प्रस्तावित है.

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नित्यानंद राय ने कहा कि प्रवासन के आंकड़े प्रत्येक व्यक्ति के जन्म स्थान और अंतिम निवास स्थान के आधार पर एकत्र किये जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जनगणना में वर्तमान निवास पर रहने की अवधि और प्रवास के कारण के बारे में भी जानकारी एकत्र की जाती है. केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र के माध्यम से क्षेत्रीय कार्य से पहले जनगणना के लिए प्रश्नावली अधिसूचित की जाती है.''

मंत्री ने बताया कि जनगणना की प्रत्येक कवायद से पहले विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, संगठनों और जनगणना डेटा उपयोगकर्ताओं से प्राप्त जानकारी और सुझावों के आधार पर जनगणना से संबंधित प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया जाता है.

मंत्री ने उल्लेख किया कि जनगणना का इतिहास 150 वर्षों से भी अधिक पुराना है और प्रत्येक जनगणना में पिछली जनगणनाओं के अनुभवों का ध्यान रखा जाता है.

एक अलग प्रश्न के लिखित उत्तर में, मंत्री ने कहा कि इस वर्ष 30 अप्रैल को राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा लिये गए निर्णय के अनुसार, जनगणना में जातिवार गणना भी की जाएगी.

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एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2027 की जनगणना डिजिटल माध्यम से की जाएगी, जिसमें मोबाइल ऐप के माध्यम से डेटा एकत्र किया जाएगा और स्व-गणना के लिए ऑनलाइन प्रावधान होगा.

जनगणना-2027 दो चरणों में संपन्न होगी. पहले चरण में अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच घरों की सूची और गणना होगी तथा फरवरी 2027 में लोगों की गिनती की जाएगी.

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