पुंछ हमला : आतंकियों ने स्‍टील बुलेट का किया इस्‍तेमाल, स्‍नाइपर के जरिए भी जवानों को बनाया निशाना 

अधिकारियों ने कहा कि माना जाता है कि एक हमलावर ने सामने से वाहन को निशाना बनाया, जबकि उसके साथियों ने वाहन पर विपरीत दिशा से गोलियां बरसाईं और ग्रेनेड फेंके, इससे सैनिकों को जवाबी कार्रवाई करने का समय नहीं मिला. 

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अधिकारियों के मुताबिक, आतंकी हमले को 7 से 8 आतंकियों ने अंजाम दिया. 
नई दिल्‍ली:

जम्‍मू कश्‍मीर के पुंछ में सेना के एक ट्रक हमले के दोषियों का चार दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है. इस आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे. हालांकि इस हमले के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, हमले में स्‍टील बुलेट का इस्‍तेमाल किया गया था, जिससे बख्‍तरबंद ढाल को भेदा जा सके. वहीं ग्रेनेड के फेंके जाने से पहले स्‍नाइपर के जरिए भी जवानों को निशाना बनाए जाने की खबर है. राजौरी और पुंछ जैसे इलाकों में आतंकियों के सिर उठाने को बड़े खतरे के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि एक हमलावर ने ट्रक को आगे से निशाना बनाया, जबकि दूसरी ओर से अन्य आतंकियों ने गोलियां चलाई और ग्रेनेड फेंके. 

अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) सहित विभिन्न एजेंसियों के विशेषज्ञों ने पिछले दो दिनों में घटनास्थल का दौरा किया है और घातक हमले की सटीक जानकारी पाने की कोशिश की है. 

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उन्‍होंने कहा कि पुंछ हमले के बाद ट्रक में जिस तरह से आग लगी है उसे लेकर स्टिकी बम के इस्‍तेमाल की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है. हालांकि इस बारे में पुख्‍ता तौर पर फोरेंसिक जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. 

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उन्होंने कहा कि माना जाता है कि एक हमलावर ने सामने से वाहन को निशाना बनाया, जबकि उसके साथियों ने वाहन पर विपरीत दिशा से गोलियां बरसाईं और ग्रेनेड फेंके, इससे सैनिकों को जवाबी कार्रवाई करने का समय नहीं मिला. 

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साथ ही संभावना जताई जा रही है कि आतंकी कार्रवाई के बाद आतंकी भाटादूरियां के घने जंगलों में भाग निकले हैं, जिनकी तलाश के लिए घने जंगलों में ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि भागने से पहले आतंकी सैनिकों के हथियार और गोला-बारूद चुरा ले गए. 

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जिस क्षेत्र में हमला हुआ, उसे लंबे समय तक आतंकवाद मुक्त माना जाता रहा है, लेकिन भाटा धुरियान वन क्षेत्र आतंकवादियों के लिए घुसपैठ का मार्ग बना हुआ है. यहां से आतंकी भौगोलिक स्थिति, घने जंगल का फायदा उठाते हुए नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करके भारत में घुसने का प्रयास करते हैं. 

अधिकारियों के मुताबिक, आतंकियों के जिस ग्रुप ने घटना को अंजाम दिया है, उसे इलाके के बारे में पूरी जानकारी थी. साथ ही आतंकी हमले को 7 से 8 आतंकियों ने अंजाम दिया है. 

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर के पुंछ जिले में सेना के एक ट्रक को आतंकियों ने निशाना बनाते हुए 20 अप्रैल को फायरिंग की थी. इस हमले में 5 सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ था. सेना ने अपने बयान में कहा कि भीमबेर गली इलाके के पास दोपहर करीब 3 बजे आतंकवादियों ने ट्रक में गोलीबारी की. इसके बाद ट्रक में आग लग गई थी. आतंकी हमले में शहीद होने वाले सभी जवान नेशनल राइफल्स यूनिट के थे. 

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