UPSC उम्मीदवारी रद्द करने पर पूजा खेडकर ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा, रिट याचिका की दायर

पूजा खेडकर को हाईकोर्ट से तब बड़ा झटका लगा जब कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी थी.

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नई दिल्ली:

पूजा खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट में रिट पेटीशन दायर की है. पूजा की तरफ से ये रिट पेटीशन यूपीएससी उम्मीदवारी रद्द करने के खिलाफ दायर की गई. साथ ही जिन संस्थाओं ने 'शो कॉज ' नोटिस भेजा था उन सभी को रिट याचिका में पार्टी बनाया गया है. डीओपीटी, यूपीएससी, लबसाना, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुणे कलेक्टर के खिलाफ रिट याचिका दायर की गई. इन सभी ने पूजा खेडकर को शो कॉज नोटिस जारी किया था. इसलिए इन सभी के खिलाफ पूजा खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की है.

पूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

इससे पहले पूजा खेडकर को हाईकोर्ट से तब बड़ा झटका लगा जब कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी थी. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के रूप में पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) का चयन रद्द कर दिया है. साथ ही भविष्य में आयोग की तरफ से आयोजित होने वाले किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर भी रोक लगा दी है. यूपीएससी ने उन्हें कई बार फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा देने का दोषी पाया है. यूपीएससी ने एक बयान में कहा है कि खेडकर को सिविल सेवा परीक्षा के नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है.

अग्रिम जमानत याचिका क्यों हुई खारिज

दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिनकी 'गहन जांच की जरूरत है.  पूजा खेडकर ने अपने वकील के माध्यम से अदालत का दरवाजा खटखटाया और कहा कि उन्हें 'तुरंत गिरफ्तार किए जाने का खतरा है. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने खेडकर पर धोखाधड़ी करने और निर्धारित संख्या से अधिक बार परीक्षा देने के लिए अपनी पहचान छिपाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में एक मामला दर्ज कराया है.

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पूजा से जुड़ी जानकारी खोजने में जुटी पुलिस

दिल्ली पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में पूजा खेडकर के बारे में महाराष्ट्र सरकार, मसूरी स्थित आईएएस प्रशिक्षण अकादमी और दिल्ली एम्स से जानकारी मांगी है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 19 जुलाई को खेडकर पर गलत तरीके से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांग कोटा का लाभ लेकर सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुरक्षित करने का आरोप लगाया था.

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(भाषा इनपुट्स के साथ)

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