12 बार दिया UPSC एग्जाम, लेकिन इन 7 पर न करें विचार, अदालत से पूजा खेडकर की अपील

Pooja Khedkar: पूजा पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का फायदा लेने का आरोप है. लेकिन पूर्व ट्रेनी IAS इसे गलत बता रही हैं.

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दिल्ली हाई कोर्ट में पूजा खेडकर का हलफनामा. (फाइल फोटो)
दिल्ली:

विवादों में घिरीं पुणे की पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) को फिलहाल गिरफ्तारी से राहत जरूर मिली है लेकिन 5 सितंबर को क्या होगा, इसकी चिंता उनको जरूर सता रही है. उन्होंने अब दिल्ली हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है. इस हलफनामे में पूजा नेअनुरोध किया है कि सिर्फ दिव्यांग श्रेणी में दी जाने वाली उनकी परीक्षा को ही उचित मान लिया जाए. मामला यह है कि पूजा खेडकर ने UPSC की परीक्षा 12 बार दी है. तो वह कोर्ट से अपील कर रही हैं कि उनकी दिव्यांग श्रेणी वाली परीक्षा को ही उचित माना जाए. इसके अलावा पूजा ने यह भी दावा किया है कि उनका नाम और सरनेम नहीं बदला गया है . 

पूजा खेडकर ने हलफनामे में क्या कहा?

  • मैंने कुल 12 बार परीक्षा दी है. 
  • पांच बार दिव्यांग श्रेणी से परीक्षा पास की, इसलिए बाकी 7 परीक्षाओं की कोशिश पर विचार नहीं करना चाहिए.
  • मुझे सभी विभागों द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया है.
  • नेम और सरनेम नहीं बदला गया है. सिर्फ मिडल नेम बदला गया है. 
  •  इस आरोप में कोई सच्चाई नहीं है कि नाम में बड़ा बदलाव हुआ है.

पूजा पर दिव्यांग कोटे का फायदा लेने का आरोप

बता दें कि पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से फिलहाल राहत मिल गई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण 5 सितंबर तक बढ़ा दिया. पूजा पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का फायदा लेने का आरोप है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए टाल दी और पुलिस को इस बीच ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की आजादी दी है.

"UPSC के पास मुझे बर्खास्त करने का अधिकार नहीं"

UPSC और दिल्ली पुलिस दोनों ने ही कोर्ट से पूजा खेडकर की गिरफ्तारी से पहले जमानत की खेडकर की याचिका को खारिज करने की अपील की है. वहीं पूजा ने  अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा-2022 को सफलतापूर्वक पास करने की प्रक्रिया में न तो गलत बयान दिया है और न ही धोखाधड़ी की है. खेडकर ने अदालत में दाखिल अपने जवाब में कहा है कि UPSC के पास उनको बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है. 
 

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