कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) के सदस्य सचिव अरविंद कुमार नौटिआल ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में नीतिगत तौर पर व्यापक कदम उठाए गए हैं. इंडस्ट्री, व्हीकल से होने वाले प्रदूषण, धूल की वजह से प्रदूषण, प्रासंगिक घटनाओं से होने वाले प्रदूषण और हार्वेस्टिंग सीजन के समय के प्रदूषण पर नजर रखी जा रही है. इसके साथ ही इन सभी पर नीतियां भी बनाईं जा रही हैं.
सदस्य सचिव अरविंद कुमार नौटिआल ने बताया कि आंकड़े कह रहे हैं कि पिछले 5-6 सालों में दीवाली से पहले और दीवाली के दिन का प्रदूषण कम रहा है. उम्मीद है कि आने वाले दिन में इसको बेहतर कर पाएंगे. AQI monitoring 2016 से शुरू हुई है. शुरू में ज्यादा नेटवर्क नहीं था, मगर अब देश में 1000 से ज्यादा मॉनिटरिंग नेटवर्क हैं.
अरविंद कुमार नौटिआल ने बताया कि दिल्ली में ही 40 मॉनिटरिंग स्टेशन हैं. इस साल का औसतन एयर क्वालिटी सबसे बेहतर रहा है. दो-तीन दिनों में अचानक 50-60 AQI प्वाइंट का इजाफा हुआ है. दिल्ली-एनसीआर में बहुत खराब (very poor) कैटेगरी में एयर क्वालिटी है. औसत देखें तो 325 AQI है. ऐसा नहीं है कि यह एक अच्छा आंकड़ा है..मगर रिलेटिव टर्म्स में जरूर है कि हम बेहतर हुए हैं.
आपको बता दें कि दीवाली के दिन आग लगने और उससे झुलसने की घटनाएं भी काफी हुईं हैं. दिल्ली सरकार की CATS ( Centralised Accident and Trauma Services) को दीवाली की रात 140 कॉल मिले. इसमें करीब 35 झुलसे. इन सभी को CATS ने अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल करवाया. सफदरदंग अस्पताल में दीवाली की रात Burn Injury के मरीज़ों की संख्या कुल 97 रही. दिल्ली के निवासियों की संख्या 60 और एनसीआर के 37 लोगों को सफदरदंग अस्पताल पहुंचे. इसमें 14 मरीजों को दाखिल करने की जरूरत पड़ी. दीया से झुलसने वालों की तादाद 36 रही. पटाखों से 61 लोग झुलसे. इसमें 13 बच्चे और 84 व्यस्क (Adult) हैं.
वहीं दिल्ली दमकल विभाग ( Delhi Fire Service) को दीवाली की रात 201 आग की कॉल्स मिलीं. पिछले साल 152 कॉल्स मिलीं थीं. वर्ष 2020 में 205 और वर्ष 2019 में 245 आग की कॉल्स मिलीं थीं.
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