पश्चिम बंगाल की 108 नगरपालिकाओं के लिए 27 फरवरी को मतदान

पश्चिम बंगाल (West Bengal) राज्य निर्वाचन आयोग ने वार को गुरुवार एक अधिसूचना जारी कर राज्य की 108 नगरपालिकाओं के चुनाव 27 फरवरी को कराने की घोषणा की, जिससे विधानसभा चुनाव के नौ महीने बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच एक और मुकाबले के लिए मंच तैयार हो गया है.

Advertisement
Read Time: 20 mins
कोलकाता:

(West Bengal) राज्य निर्वाचन आयोग ने वार को गुरुवार एक अधिसूचना जारी कर राज्य की 108 नगरपालिकाओं के चुनाव 27 फरवरी को कराने की घोषणा की, जिससे विधानसभा चुनाव के नौ महीने बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच एक और मुकाबले के लिए मंच तैयार हो गया है. हालांकि, अधिसूचना में मतगणना की तारीख का जिक्र नहीं है.राज्य निर्वाचन अधिकारी सौरव दास ने कहा कि इसकी घोषणा बाद में की जाएगी.

दक्षिण दम दम नगर पालिका के वार्ड नंबर 29 को छोड़कर, पश्चिम बंगाल के 21 जिलों में 108 नगरपालिकाओं में 27 फरवरी को मतदान होगा.दम दम नगर पालिका के वार्ड नंबर 29 के लिए मतदान पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाई है.सुरक्षा व्यवस्था और चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ दिन में एक बैठक करेगा.

ममता बनर्जी एक बार फिर निर्विरोध चुनी गईं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष

दास ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम मतगणना की तारीख की घोषणा के लिए एक अलग अधिसूचना जारी करेंगे.पूरी मतदान प्रक्रिया आठ मार्च तक पूरी की जानी है.आज से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि नौ फरवरी है.'' चार अन्य नगर निगमों- सिलीगुड़ी, चंदननगर, बिधाननगर और आसनसोल में 12 फरवरी को मतदान होना है और मतगणना 14 फरवरी को होनी है. विपक्षी दलों ने बुधवार को एसईसी से 12 फरवरी को हुए चुनाव और 108 नगर पालिकाओं के चुनावों के लिए वोटों की गिनती साथ कराने का आग्रह किया.112 अन्य नागरिक निकायों के साथ कोलकाता नगर निगम के चुनाव अप्रैल-मई 2020 में होने वाले थे.लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था.

Advertisement

Advertisement

पिछले साल टीएमसी ने राज्य में 294 विधानसभा सीटों में से 213 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी थी. बीजेपी जोर शोर से चुनाव प्रचार के बावजूद केवल 77 सीटें हासिल करने में सफल रही.टीएमसी ने दक्षिण बंगाल के अधिकांश जिलों में जीत हासिल की थी और बीजेपी ने उत्तरी जिलों में अच्छा प्रदर्शन किया था. पश्चिम बंगाल में निकाय चुनाव टीएमसी और बीजेपी के बीच एक और चुनावी जंग का मार्ग प्रशस्त करेगा और इससे यह पता चलेगा कि क्या दोनों पार्टियां इस राजनीतिक रूप से अस्थिर राज्य में विधानसभा चुनावों के बाद जमीनी स्तर पर टिकी हैं? मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के लिए लड़ाई अधिकांश नगर निकायों में मुख्य विपक्षी पार्टी की अपनी स्थिति को बनाए रखने की है.टीएमसी ने 2015 में अधिकांश नगर पालिकाओं में जीत हासिल की थी.

Advertisement


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Student Protest: Chhattisgarh में सड़कों पर उतारे हज़ारों युवा, Jobs की मांग को लेकर कर रहे प्रदर्शन, मुंडवाए बाल
Topics mentioned in this article