केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो से संबंधित मामले में दिल्ली पुलिस कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के सदस्यों को दूसरा नोटिस जारी कर सकती है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के चार सदस्यों को बुधवार को ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस' (आईएफएसओ) के कार्यालय में पेश होना था, लेकिन वे पेश नहीं हुए.
जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “हम उन्हें आईओ (जांच अधिकारी) के समक्ष पेश होने के लिए फिर से कहेंगे क्योंकि वे बुधवार को नहीं आए.”
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को सीआरपीसी की धारा 160/91 के तहत नोटिस दिया जाता है, तो वह व्यक्ति या तो जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हो सकता है या अपना कानूनी प्रतिनिधि भेज सकता है.
बुधवार को रेड्डी के वकील जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हुए और उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता का शाह के भाषण के वीडियो से छेड़छाड़ या इसे पोस्ट करने से कोई लेना-देना नहीं है.
पुलिस के अनुसार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों के विभिन्न राजनीतिक दलों के लगभग 22 लोगों को मामले के संबंध में नोटिस जारी किया गया है और उन्हें बृहस्पतिवार, शुक्रवार व शनिवार को पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है.
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने शाह के फर्जी वीडियो को लेकर ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर' (आई4सी) की शिकायत पर रविवार को प्राथमिकी दर्ज की थी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आई4सी की शिकायत में कहा गया है कि वीडियो में शाह के बयान में धार्मिक आधार पर मुस्लिमों का कोटा खत्म करने की प्रतिबद्धता की बात है, जबकि छेड़छाड़ करके प्रसारित किए गए फर्जी वीडियो को देखकर लगता है कि शाह सभी तरह का आरक्षण खत्म करने की वकालत कर रहे थे.