अरविंद केजरीवाल के 'दारू पीकर संविधान लिखा होगा' वाले वीडियो को लेकर पुलिस केस

अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का 9 सेकंड का वीडियो साझा करना कुछ सोशल मीडिया यूजर्स को महंगा पड़ा है. पंजाब में कई सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है.

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नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की एक वीडियो क्लिप साझा करने के आरोप में कुछ सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. एक्‍स यूजर विभोर आनंद सहित पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ आप नेताओं और समर्थकों की शिकायत के बाद पंजाब के लुधियाना में एफआईआर दर्ज की गई है. आनंद दिल्‍ली में वकील हैं और उनके 40 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं. 

इस मामले में लुधियाना में पांच और पंजाब में करीब 12 एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि वीडियो ने केजरीवाल की छवि को धूमिल किया है और अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों की भावना को आहत किया है. 

9 सेकंड के वीडियो में क्‍या है?

आनंद ने केजरीवाल का 9 सेकंड का वीडियो साझा किया था, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना गया था, "कोई कह रहा था कि जिसने भी संविधान लिखा होगा उसने भी दारू पीकर ही संविधान लिखा होगा." भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी यही क्लिप शेयर किया था.

हालांकि AAP नेताओं द्वारा जारी 19 सेकंड के वीडियो में केजरीवाल को कांग्रेस पार्टी के संविधान के बारे में बात करते सुना गया था, न कि भारतीय संविधान के बारे में. 

19 सेकंड के वीडियो में क्‍या बोले?

केजरीवाल ने अपने कथित तौर पर 12 साल पहले दिए अपने भाषण में कहा, "कांग्रेस पार्टी का संविधान कहता है कि कोई भी कार्यकर्ता शराब नहीं पियेगा. हम लोग बैठे थे तो कोई कह रहा था कि जिसने संविधान लिखा होगा, उसने भी दारू पीकर ही संविधान लिखा होगा." 

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इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला 

यह मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 192 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 336 (4) (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) धारा 353 (सार्वजनिक नुकसान पहुंचाने वाला बयान) के साथ ही एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है. 

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केंद्रीय गृह मंत्री की टिप्‍पणी पर विवाद 

हाल ही में संपन्न संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भारतीय संविधान के निर्माता कहे जाने वाले बीआर आंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. पिछले सप्ताह संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बहस के दौरान राज्यसभा में अपने संबोधन में शाह ने कहा कि आंबेडकर का नाम लेना अब एक "फैशन" बन गया है.

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहना एक फैशन बन गया है. अगर वे इतनी बार भगवान का नाम लेते, तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिल जाता."

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उन्होंने कहा, ''उनका नाम 100 बार और लीजिए, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि उनके बारे में आपकी भावनाएं क्या हैं.''

आप, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि शाह ने दलित शख्सियत का अपमान किया है और उनके इस्तीफे और माफी की मांग की है. हालांकि शाह ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने उनकी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. 

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