एक और परिवार में पड़ी फूट... तमिलनाडु में PMK नेता ने बेटे अंबुमणि रामदॉस को पार्टी से निकाला

डॉ. रामदॉस ने कहा कि अंबुमणि को पहले ही कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. रामदॉस ने आरोप लगाया कि अंबुमणि पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे.

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  • PMK के संस्थापक डॉ. एस. रामदॉस ने अपने बेटे अंबुमणि को पार्टी से निकाला
  • अंबुमणि पर पार्टी को कमजोर करने और अनुचित व्यवहार सहित सोलह आरोप
  • अंबुमणि ने युवा इकाई के प्रमुख मुकुंदन की नियुक्ति का विरोध किया था
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पट्टाली मक्कल काची (PMK) के संस्थापक डॉ. एस. रामदॉस ने पार्टी में एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने बेटे और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अंबुमणि को पार्टी से निकाल दिया है. साथ ही अंबुमणि को कार्यकारी अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है. डॉ. रामदॉस ने कहा कि अंबुमणि को पहले ही कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. रामदॉस ने आरोप लगाया कि अंबुमणि पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि उनके पास किसी तरह का कोई भी स्पष्टीकरण है और वह हमारे आरोपों को स्वीकार करते हैं." अभी तक अंबुमणि की ओर से इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. PMK में यह घटनाक्रम तमिलनाडु की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है. 

पारिवारिक विवाद से राजनीतिक संकट तक

पिता-पुत्र के बीच यह विवाद पिछले एक साल से चला आ रहा था. दरअसल इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब डॉ. रामदॉस ने अपने नाती मुकुंदन को पार्टी की युवा इकाई का प्रमुख नियुक्त किया. उनके इस फैसले से नाराज़ अंबुमणि ने सार्वजनिक रूप से विरोध किया और एक बैठक में माइक पटककर बाहर निकल गए. इसके बाद पार्टी में नेतृत्व को लेकर संघर्ष शुरू हो गया. डॉ. रामदॉस ने पार्टी अध्यक्ष का पद फिर से संभाल लिया और अंबुमणि को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया. लेकिन अंबुमणि ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया और दावा किया कि उन्हें पार्टी की महासभा ने अध्यक्ष चुना है.

पार्टी में आतंरिक कलह

PMK की प्रशासनिक परिषद ने अंबुमणि के खिलाफ 16 आरोपों वाला कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें अनुचित व्यवहार, पार्टी में फूट डालने की कोशिश करना और सोशल मीडिया का दुरुपयोग शामिल था. जवाब न मिलने पर उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. गौर करने वाली बात ये है कि यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब तमिलनाडु में NDA पहले से ही संकट में है. ओ. पन्नीरसेल्वम (OPS) और टीटीवी दिनाकरन जैसे नेता गठबंधन से बाहर हो चुके हैं. AIADMK भी आंतरिक कलह से जूझ रही है. वहीं DMK गठबंधन पूरी तरह एकजुट है. विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ सात महीने बचे हैं,  ऐसे में अंबुमणि की निष्कासन से PMK की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है. पार्टी का वन्नियार समुदाय में खासा प्रभाव है, जो राज्य के उत्तरी जिलों में निर्णायक भूमिका निभाता है.

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