नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सात राज्यों में मौजूद लगभग 31,000 करोड़ रुपये की सामूहिक लागत वाली आठ प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बयान में कहा कि यह परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन एवं उनकी प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित 43वीं ‘प्रगति' बैठक थी. इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की.
'प्रगति' केंद्र एवं राज्यों से जुड़ी परियोजनाओं के सक्रिय प्रशासन एवं समयबद्ध कार्यान्वयन का एक बहु-स्तरीय मंच है. प्रगति बैठक में शामिल परियोजनाओं में चार जलापूर्ति एवं सिंचाई से संबंधित थीं, दो राष्ट्रीय राजमार्गों एवं संपर्क विस्तार से संबंधित थीं जबकि दो अन्य परियोजनाएं रेल एवं मेट्रो रेल संपर्क से संबंधित थीं.
बयान के मुताबिक, इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 31,000 करोड़ रुपये है. ये सात राज्यों- बिहार, झारखंड, हरियाणा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात एवं महाराष्ट्र से संबंधित हैं. समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पोर्टल और उपग्रह से ली गईं तस्वीरों से परियोजनाओं के क्रियान्वयन और जमीन की जरूरत एवं जगह के नियोजन से जुड़े मुद्दों का समाधान निकालने में मदद मिल सकती है.
उन्होंने कहा कि घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में परियोजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले सभी हितधारक बेहतर समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं और टीम बना सकते हैं. प्रधानमंत्री ने सिंचाई परियोजनाओं के लिए सलाह दी कि सफल पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण कार्यों वाली जगहों पर हितधारकों के दौरे कराए जाएं. इसके अलावा इस तरह की परियोजनाओं से पड़ने वाले असर को भी दिखाया जा सकता है.
इस दौरान प्रधानमंत्री ने 'यूएसओएफ परियोजनाओं के तहत मोबाइल टावर और 4जी कवरेज' की भी समीक्षा की. सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यूएसओएफ) के तहत मोबाइल संपर्क बेहतर करने के लिए 24,149 मोबाइल टावर वाले 33,573 गांवों को कवर किया जाना है.
मोदी ने अधिकारियों से सभी हितधारकों के साथ नियमित बैठकें कर चालू वित्त वर्ष में ही सभी वंचित गांवों में मोबाइल टावर की स्थापना सुनिश्चित करने को कहा. बयान के मुताबिक, प्रगति बैठकों के 43वें संस्करण तक कुल 17.36 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 348 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है.
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