- पीएम मोदी अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे, जो निर्माण पूर्णता का प्रतीक होगा.
- मोदी मंदिर परिसर में छह मंदिरों का दर्शन करेंगे और साधु संतों और मेहमानों से मुलाकात करेंगे.
- उनका दौरा सप्तमंदिर से शुरू होगा, जहां वह महर्षि वशिष्ठ, वाल्मीकि और माता शबरी और देवताओं के दर्शन करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अयोध्या का दौरा करेंगे. वह यहां पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे. यह ध्वजा इसके निर्माण कार्य के पूरा होने का प्रतीक होगी. इसके अलावा वह और क्या-क्या करने वाले हैं अयोध्या में इसकी जानकारी भी सामने आ गई है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के प्रवक्ता शरद शर्मा ने पीएम मोदी के अयोध्या दौरे पर ध्वजारोहण के अलावा उनके पूरे कार्यक्रम के बारे में भी बताया है.
संतों और मेहमानों से करेंगे मुलाकात
अयोध्या के ध्वजारोहण को लेकर विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि पीएम मोदी मंदिर आने के बाद सबसे पहले रामलला और राम दरबार का दर्शन करेंगे. फिर परकोटे पर बने छह मंदिरों में देवी देवताओं के दर्शन पूजन करेंगे. इसके बाद मंदिर परिसर में मौजूद साधु संतों और मेहमानों से मुलाकात करेंगे. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में मंदिर पर ध्वजारोहण करेंगे. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.10 बजे से 12.30 बजे के बीच है.
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सप्तमंदिर से होगी शुरुआत
एक और आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मंगलवार सुबह करीब 10 बजे सप्तमंदिर आयेंगे जिसमें महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से जुड़े मंदिर हैं. पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी यहां से शेषावतार मंदिर जाएंगे. सुबह करीब 11 बजे प्रधानमंत्री माता अन्नपूर्णा मंदिर जाएंगे. इसके बाद वह राम दरबार गर्भगृह में दर्शन और पूजा करेंगे, जिसके बाद रामलला गर्भगृह में दर्शन करेंगे. फिर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर पीएम भगवा झंडा फहराएंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री लोगों को संबोधित करेंगे.
क्या है 25 नवंबर की तिथि की महत्व
पीएमओ के बयान में कहा गया है, 'यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी तिथि को होगा, जब श्री राम और मां सीता की विवाह पंचमी का अभिजीत मुहूर्त भी है.' पीएमओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह तिथि नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी, के शहादत दिवस के साथ भी मेल खाती है, जिन्होंने 17वीं सदी में अयोध्या में लगातार 48 घंटे ध्यान लगाया था. इससे इस दिन का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है. पीएम यहीं से फिर हरियाणा के कुरुक्षेत्र के लिए रवाना हो जाएंगे.
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