प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत जब सफल होता है तो दुनिया को अच्छा लगता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि भारत का चंद्रयान मिशन जब सफल हुआ तो पूरी दुनिया ने उसे एक उत्सव के रूप में मनाया. उन्होंने कहा कि भारत जब आगे बढ़ता है तो जलन या ईष्या का भाव नहीं पैदा होता है. उन्होंने कहा कि हमारी प्रगति से दुनिया खुश होती है. प्रधानमंत्री एनडीटीवी के वर्ल्ड समिट को संबोधित करते हुए यह बात कही. इस अवसर पर उन्होंने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) में हुए क्रांतिकारी बदलाव का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत ने यह सिद्ध किया है कि डिजिटल इनोवेशन और लोकतांत्रिक मूल्य एक साथ रह सकते हैं.
औद्योगिक क्रांति और भारत
पीएम मोदी ने कहा,''हम सब जानते हैं कि अतीत भारत में भारत वैश्विक विकास को बढ़ाना वाला एक सकारात्मक ताकत था. भारत के विचारों, नवाचार और उत्पादों ने दुनिया पर अपना प्रभाव छोड़ा था.औद्योगिक क्रांतियों के समय हम उसका फायदा नहीं उठा पाए,क्योंकि हम गुलाम थे. वह समय भारत के हाथ से निकल गया. लेकिन आज भारत का समय है. यह इंडस्ट्री 4.0 का समय है.भारत अब गुलाम नहीं है. हमें आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं. इसलिए हम कमर कसकर तैयार हैं.''
इंडस्ट्री 4.0 का स्किल सेट
प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडस्ट्री 4.0 के लिए जो स्किल सेट चाहिए. उसके लिए जो इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए, उस पर भारत बहुत तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में मैं कई ग्लोबल प्लेटफार्म से जुड़ा हूं. मैं दुनिया भर में जी-20 और जी-7 सम्मेलनों में शामिल हुआ हूं. अभी 10 दिन पहले ही मैं आसियान सम्मेलन के लिए लाओस में था. आपको जानकर अच्छा लगेगा कि करीब सभी सम्मेलन में भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई)की चर्चा होती है. आज दुनिया की नजर भारत के डीपीआई पर है. उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री पॉल रोमर का जिक्र करते हुए कहा कि वो भारत के आधार और डिजि लॉकर जैसे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के बहुत बड़े प्रशंसक हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया को हैरानी होती है कि भारत ने इतना अच्छा डीपीआई कैसे विकसित कर लिया है.
भारत का डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत ने तकनीकी का लोकतांत्रिकरण करके डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) का नया रास्ता दुनिया को दिखाया है. उन्होंने कहा कि सरकार एक नया प्लेटफार्म बनाती है, उस पर लाखों नवाचार होते हैं.उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल की कनेक्टिविटी बिना कोई गलती किए सुविधाएं पहुंचाने का एक बेहतर जरिया बन गया है. उन्होंने यूपीआई का उदाहरण देते हुए बताया कि आज हर रोज 500 मिलयन से ज्यादा का ट्रांजिक्शन इससे हो रहा है.उन्होंने कहा कि इसे कॉरपोरेट नहीं बल्कि छोटे दुकानदार और रेहड़ी-पटरी वाले चला रहे हैं.इसके अलावा उन्होंने पीएम गतिशक्ति और ओएनडीसी जैसे प्लेटफार्म का उदाहरण दिया.उन्होंने कहा कि भारत ने यह दिखाया है कि डिजिटल इनोवेशन और लोकतांत्रिक मूल्य एकसाथ रह सकते हैं.
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