"जो माटी का कर्ज चुका दे, वही जिंदगानी है..." : 'मेरी माटी, मेरा देश' अभियान के समापन पर PM मोदी

राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की ओर से ‘एक भारत-श्रेष्‍ठ भारत’ की भावना को प्रतिबिंबित करते हुए विभिन्न हिस्सों की मिट्टी दिल्ली लाई गई है. पीएम मोदी ने देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई मिट्टी को एक विशालकाय अमृत कलश में अर्पित किया और उसका तिलक भी लगाया.

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  • अमृत कलश यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम
  • पीएम मोदी ने देशभर से लाई गई मिट्टी को भारत कलश में डाला
  • पीएम मोदी ने लॉन्च किया 'मेरा युवा भारत' पोर्टल
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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मंगलवार को दिल्ली के कर्तव्‍य-पथ (Delhi Kartavya Path) पर 'मेरी माटी मेरा देश' अमृत कलश यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए. पीएम मोदी ने देशभर से लाई गई मिट्टी को भारत कलश में डालकर वीरों और वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने उसका तिलक भी लगाया. इस दौरान उन्होंने 'मेरा युवा भारत' पोर्टल भी लॉन्च किया. इस दौरान पीएम ने कहा- 'जो माटी का कर्ज चुका दे, वही जिंदगानी है. इसलिए जो अमृत कलश यहां आए हैं, इनके भीतर मिट्टी का हर करण अनमोल है.' 

पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशभर से आए हजारों अमृत कलश यात्रियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "जैसे दांडी यात्रा शुरू होने के बाद देशवासी उससे जुड़ते गए, वैसे ही आजादी के अमृत महोत्सव ने जनभागीदारी का ऐसा हुजूम देखा कि नया इतिहास बन गया." पीएम ने ‘मेरा युवा भारत' संगठन की नींव रखे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि 21वीं सदी में राष्ट्र निर्माण के लिए यह बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘भारत के युवा कैसे संगठित होकर हर लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ‘मेरी माटी-मेरा देश' अभियान है. इस अभियान में गांव-गांव, गली गली से कोटि-कोटि देश के युवा जुड़े हैं. देश भर में लाखों आयोजन हुए और अनगिनत भारतीयों ने अपने हाथों से अपने आंगन व अपने खेत की मिट्टी अमृत कलश में डाली है.''

भारत की मिट्टी में चेतना और प्राण शक्ति है
उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी सभ्यताएं समाप्त हो गईं, लेकिन भारत की मिट्टी में वह चेतना और प्राण शक्ति है, जिसने इस राष्ट्र को अनादि काल से आज तक बचा कर रखा है. मोदी ने कहा, ‘‘यह वह माटी है, जो देश के कोने-कोने से आत्मीयता और आध्यात्मिक हर प्रकार से हमारी आत्मा को जोड़ती है. इस मिट्टी की सौगंध खाकर हमारे वीरों ने आजादी की लड़ाई लड़ी. देशभर के कोने से जो मिट्टी यहां पहुंची है, वह हमें कर्तव्य भाव की याद दिलाती रहेगी. यह मिट्टी विकसित भारत के हमारे संकल्प के सिद्धि के लिए और अधिक परिश्रम को प्रेरित करती रहेगी.''

इतिहास के छूटे हुए पन्नों को भविष्य की पीढ़ियों से जोड़ा
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत महोत्सव ने इतिहास के छूटे हुए पन्नों को भविष्य की पीढ़ियों से जोड़ दिया है. साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों का जिला वार एक बहुत बड़ा डेटाबेस भी तैयार हुआ है. पीएम मोदी ने कहा- "इस अमृत महोत्सव के दौरान भारत ने ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की है. हमें सदी के सबसे बड़े संकट कोरोना काल का सफलतापूर्वक मुकाबला किया. इसी दौरान हमने विकसित भारत का रोडमैप बनाया. भारत, दुनिया की सबसे बड़ी पांचवीं अर्थव्यवस्था बना. चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हुई."

आने वाली पीढ़ी से किए वादे पूरे करने होंगे
पीएम ने कहा- "जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक भारत को विकसित देश बनाना है. आजादी के 100 साल पूरे होने पर देश इस विशेष दिवस को याद करेगा. हमने जो संकल्प लिया, हमने आने वाली पीढ़ी से जो वादे किए, उसे हमें पूरा करना ही होगा. इसलिए हमें अपने प्रयास तेज करने हैं."

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पीएम ने देखी डिजिटल एग्जिबिशन 
इससे पहले पीएम मोदी ने अमृत कलश यात्रा की एक डिजिटल एग्जिबिशन भी देखी. देशभर के गांवों से 8500 अमृत कलशों में मिट्टी भरकर दिल्ली लाई गई है. इसे 30 अक्टूबर से कर्तव्य पथ के पास रखे भारत कलश में इकट्ठा किया गया है. इस कार्यक्रम में पीएम ने अमृत वाटिका और अमृत महोत्‍सव स्‍मारक का भी उद्घाटन किया.

कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद सभी लोगों ने मिट्टी की पोटली को हाथ में लेकर पिछले स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से किए गए ‘पंच प्रणों' के आह्वान के अनुरूप भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने, गुलामी की मानसिकता को जड़ से उखाड़ फेंकने और देश की समृद्ध विरासत पर गर्व करने की शपथ ली. प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित वहां मौजूद सभी केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों व नेताओं ने भी यह शपथ ली.

‘मेरी माटी-मेरा देश' अभियान में 36 राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 2,30,000 से अधिक ‘शिलापट्ट' निर्मित किये गए हैं. इसके समर्थन में पंच-प्रण को दर्शाने वाली लगभग चार करोड़ सेल्‍फी सोशल मीडिया पर अपलोड की गई हैं.

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