भारत के टैलेंट का दुनिया को मिलेगा फायदा, काशी में करिए निवेश... सिंगापुर के बिजनेस लीडर्स से बोले PM मोदी

सिंगापुर में पीएम मोदी ने कहा, "यह मेरा तीसरा कार्यकाल है. जो लोग भारत से परिचित हैं, उन्हें पता होगा कि 60 साल बाद किसी सरकार को तीसरी बार जनादेश मिला है. इसके पीछे का कारण मेरी सरकार की नीतियों में लोगों का विश्वास है."

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एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए पीएम मोदी का सिंगापुर दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
नई दिल्ली/सिंगापुर:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बुधवार से 2 दिन की सिंगापुर यात्रा पर हैं. पीएम मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर के टॉप कंपनियों के CEOs से मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने सिंगापुर के बिजनेस लीडर्स को भारत में और अपने संसदीय क्षेत्र बनारस (काशी) में निवेश करने की अपील की. मोदी ने कहा, "हिंदुस्तान में जब भी पान की बात होती है, तो बनारस के बिना अधूरी रहती है. मैं बनारस का सांसद हूं, अगर आप पान खाने का सचमुच मजा लेना चाहते हैं, तो आपका अपना कोई इंवेस्टमेंट काशी में करना चाहिए."

पीएम मोदी ने कहा, "जो लोग इतने सालों से भारत में काम कर रहे हैं, उनकी कुछ न कुछ अपेक्षाएं होंगी. कुछ न कुछ शिकायतें भी होंगी. लेकिन ये सुखद आश्चर्य है कि वाहवाही के सिवाय सिंगापुर में भारत के लिए कोई और स्वर नहीं है. ये अपने आप में एक बहुत बड़ा संतोष है."

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मेरी सरकार की नीतियों में लोगों का भरोसा
पीएम ने कहा, "यह मेरा तीसरा कार्यकाल है. जो लोग भारत से परिचित हैं, उन्हें पता होगा कि 60 साल बाद किसी सरकार को तीसरी बार जनादेश मिला है. इसके पीछे का कारण मेरी सरकार की नीतियों में लोगों का विश्वास है. अगर दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला कोई एविएशन सेक्टर है, तो वह भारत में है. MRO होना हमारी प्राथमिकता है. आपको (व्यवसायों को) एयरपोर्ट्स के विकास में निवेश करने के लिए भारत आना चाहिए." 

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सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट पर दे रहे जोर
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम पूर्वानुमानित और प्रगतिशील नीतियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं. भारत में राजनीतिक स्थिरता है. हम सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आक्रामक रूप से आगे बढ़ रहे हैं. हम इस क्षेत्र में एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने जा रहे हैं. हम इस क्षेत्र में एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने जा रहे हैं. भारत में टियर 2 और टियर 3 शहरों में स्टार्टअप बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. मैंने देखा कि जो एक विषय प्रमुख रूप से नजर आ रहा है, वह स्किल डेवलपमेंट का है. भारत में हम इंडस्ट्री 4.0 को ध्यान में रखते हुए और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र को देखते हुए स्किल डेवलपमेंट पर बहुत जोर दे रहे हैं." 

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ग्लोबल जॉब मार्केट से जुड़ा स्किल डेवलपमेंट
पीएम मोदी ने कहा, "भारत की जरूरतों के साथ स्किल डेवलपमेंट एक ग्लोबल जॉब मार्केट से भी जुड़ा हुआ है. अगर आपकी कंपनियां ग्लोबली क्या चल रहा है, उसका सर्वे करें, ग्लोबल डिमांड का एनालिसिस करें और उसके मुताबिक भारत में स्किल डेवलपमेंट के लिए आएं, तो ग्लोबल जॉब मार्केट को बड़ी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं."

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भारत के टैलेंट का दुनिया को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत के पास टैलेंट है और उसका लाभ दुनिया को मिलेगा. आज फिनटेक की दुनिया में हमारा UPI, दुनिया में जितना रियल टाइम ट्रांजैक्शन होता है, उसका 50 प्रतिशत अकेले भारत में होता है. फिनटेक की दुनिया में अगर ग्लोबल लीडर बनना है, तो भारत को केंद्र बिंदु बनाकर बड़ी आसानी से आप फिनटेक की दुनिया में आगे आ सकते हैं."

2030 तक हासिल करना है 500 गीगावाट बायो फ्यूल का टारगेट
बायो फ्यूल को लेकर पीएम मोदी ने कहा, "हमने 500 गीगावाट का टारगेट रखा है. 2030 तक इसे हासिल करना है. भारत न्यूक्लियर, हाइड्रो, सोलर और विंड पर जाना चाहता है. हमने बॉयो फ्यूल की पॉलिसी भी बनाई है. भारत इसको लीड करना चाहता है."

ग्रीन जॉब्स की पूरी संभावना
पीएम ने कहा, "ऊर्जा से जुड़े हुए ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां ग्रीन जॉब्स की पूरी संभावना है. हमने पूरी दुनिया को एक वादा किया है. हम ग्लोबल वार्मिंग को एक चुनौती मानते हैं. हम सिर्फ अपनी संवेदना व्यक्त कर अटकने वाले लोग नहीं हैं, हम समाधान देने वाले लोग हैं.

भारत-सिंगापुर के बीच हुए कौन-कौन से समझौतें?
-भारत और सिंगापुर ने सेमीकंडक्टर, डिजिटल टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य सहयोग और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में अहम समझौते किए हैं.

-इसके मुताबिक, देश सेमीकंडक्टर, कलस्टर डेवलपमेंट, सेमीकंडक्टर डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करेंगे. समझौते के तहत दोनों देश मिलकर डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में सहयोग करेंगे.

-इससे दोनों देशों के बीच डिजिटल तकनीक जैसे DPI, साइबर सिक्योरिटी, 5जी, इमर्जिंग तकनीक जैसे सुपर कंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति बनी. 

-इसके अलावा दोनों देशों के बीच श्रमिकों के स्किल को बढ़ाने और डिजिटल डोमेन में काम करने वाले लोगों के स्किल को बेहतर बनाने को लेकर भी समझौता हुआ है.

-भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय ने सिंगापुर के साथ सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम मजबूत करने का भी समझौता किया है. 

-इसके तहत देश में सेमीकंडक्टर क्लस्टर बनाए जाएंगे और सेमीकंडक्टर डिजाइन और प्रोडक्शन में लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
 


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