दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन किया है. भारत का मानना रहा है कि नए सदस्यों को जोड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में मजबूत होगा. बदलते समय के हिसाब से ढलना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि ब्रिक्स के 6 नए सदस्य देशों से भारत के अच्छे संबंध हैं. मुझे खुशी है कि हमारी टीम ब्रिक्स के विस्तार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों, प्रक्रियाओं पर एक साथ सहमत हुई हैं. ब्रिक्स के विस्तार का निर्णय बहुध्रुवीय दुनिया में कई देशों के विश्वास को और मजबूत करेगा.
पीएम मोदी ने ब्रिक्स में भारत के सफल मून मिशन का भी किया जिक्र
पीएम मोदी ने इसके साथ ही चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर मिल रही बधाइयों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ये मिशन मानवता के लिए अहम है. दुनिया भर के वैज्ञानिकों के लिए ये बड़ी उपब्लिध है. यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि इस उपलब्धि को पूरी मानवता के लिए एक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है. हमने ब्रिक्स के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. साथ ही पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में कहा कि मुझे खुशी है कि तीन दिन के विचार-विमर्श से कई सकारात्मक नतीजे निकले. मुझे विश्वास है कि हम समूह के नए सदस्य देशों के साथ काम करके ब्रिक्स को नयी गति दे पाएंगे. इन सभी देशों के साथ भारत के बहुत गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं.
ब्रिक्स में क्या बोले दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा
इस दौरान दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने सम्मेलन में कहा कि नए सदस्य एक जनवरी 2024 से ब्रिक्स का हिस्सा बन जाएंगे: इस ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया के पहले चरण पर हमारी आम सहमति है. हम ब्रिक्स के साथ साझेदारी बनाने में अन्य देशों के हितों को महत्व देते हैं.
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