प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को तेल एवं गैस कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत में उपलब्ध अवसरों और अन्वेषण एवं उत्पादन की दिशा में उठाए गए कदमों से अवगत कराया. सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक्सॉनमोबिल और बीपी से लेकर कतरएनर्जी और टोटलएनर्जीज जैसी दिग्गज ऊर्जा कंपनियों के लगभग 20 शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और उनके साथ ऊर्जा परिदृश्य एवं निवेश अवसरों को लेकर चर्चा की.
इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत में तेल और गैस की खोज एवं उत्पादन में निवेश के लिए वैश्विक दिग्गजों की तलाश की खातिर हाल ही में शुरू किए गए अन्वेषण लाइसेंसिंग चरण का भी उल्लेख किया. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इंडिया एनर्जी वीक कार्यक्रम में ऊर्जा क्षेत्र के शीर्ष सीईओ के साथ संवाद किया. इस क्षेत्र में भारत द्वारा प्रदान किए जाने वाले व्यापक अवसरों पर प्रकाश डाला गया और सुधारों को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता दोहराई गई, जिससे विकास को और बढ़ावा मिलेगा.''
सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने तेल और गैस क्षेत्र में सरकार के स्तर पर किए गए सुधारों के बारे में बात की. इसमें तेल और गैस क्षेत्रों के लिए राजस्व-आधारित बोली की जगह अन्वेषण-केंद्रित बोली को अपनाने का जिक्र भी शामिल है. दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता भारत अपनी 85 प्रतिशत जरूरतें आयात से पूरी करता है. लेकिन सरकार इस आयात को कम करने के लिए इनका घरेलू उत्पादन बढ़ाना चाहती है. बैठक में वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे.
अग्रवाल ने बैठक का ब्योरा देने से इनकार करते हुए पीटीआई-भाषा से कहा कि तेल एवं गैस उद्योग से जुड़े सभी लोग वहां मौजूद थे. इस दौरान प्रत्येक कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने अपनी बात रखी.वेदांता के चेयरमैन ने कहा, ‘‘मैंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर निवेश करने के लिए सबसे अच्छी जगह है. हाल में किए गए सुधारों ने इसे आकर्षक बनाया है और प्रमुख वैश्विक कंपनियों को भारत में खोज और उत्पादन में निवेश करना चाहिए.''
मोदी वैश्विक तेल एवं गैस विशेषज्ञों और सीईओ के साथ विचार-मंथन बैठकें आयोजित करने के लिए भारतीय ऊर्जा सप्ताह (आईईडब्ल्यू) के साथ इसके पुराने स्वरूप ‘सेरावीक' का भी इस्तेमाल करते रहे हैं. उन्होंने इस तरह की आधा दर्जन से अधिक बैठकें की हैं.
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