प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियों के साथ होने वाली बैठक परिसीमन को लेकर है. यह जानकारी सूत्रों ने रविवार को दी. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के कयासों पर विराम लग गया है. जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के कदम के लिए संसद की मंजूरी जरूरी होगी. हालांकि सरकार ने वादा किया है कि उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा, लेकिन वह समय अभी तक नहीं आया है. साथ ही सूत्रों ने बताया कि यह केंद्र द्वारा जून के पहले सप्ताह में शुरू हुई प्रशासनिक कवायद को राजनीतिक रूप से मान्यता दिलाने की कोशिश है.
सूत्रों ने यह भी माना है कि अगर जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा दिए जाने पर चर्चा भी की जाती है तो संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत पहले उसे दिए गए विशेष राज्य का दर्जा दोबारा दिए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों को पीएम मोदी के साथ 24 जून की बैठक का न्योता मिला
बता दें, अभी केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार है. विधानसभा चुनाव परिसीमन अभ्यास के पूरा होने के बाद ही हो सकता है, जिसमें विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों की सीमाओं को फिर से निर्धारित किया जाना शामिल है.
जल्दी चुनाव कराने के लिए यह जरूरी है कि परिसीमन को जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी पूरा कर लिया जाए. आयोग ने सभी जिला कमिश्नरों से बेसिक जानकारी मांगी है. राज्य में अब विधानसभा चुनाव परिसीमन आयोग की सिफारिश के आधार पर बनाए गए विधानसभा क्षेत्रों के आधार पर होगा. आयोग पिछले साल बनाया गया था और इसकी अवधि में एक साल का विस्तार किया गया था.
इसलिए विपक्षी नेताओं ने परिसीमन आयोग की बैठक का बहिष्कार कर दिया था. विपक्षी नेता जैसे नेशनल कॉन्फ्रेंस के डॉ. फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी और मोहम्मद अकबर लोन ने आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था. इस आयोग के अध्यक्ष रिटायर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई हैं.
बता दें, पीडीपी और एनसी सहित जम्मू-कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियां को 24 जून को पीएम मोदी की होने वाली बैठक में बुलाया गया है. 24 जून को बुलाई सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी सभी पार्टियों के नेताओं से परिसीमन में हिस्सा लेने की अपील कर सकते हैं, ताकि यह काम सर्वसम्मति से हो सके. इससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश भी जाएगा कि सरकार की कवायद को व्यापक राजनीतिक समर्थन और स्वीकृति प्राप्त है.
PM की सर्वदलीय बैठक में जम्मू-कश्मीर के नेता हो सकते हैं शामिल