अमेरिकी NSA से मुलाकात: इटली में मोदी ने बनाई बात, इधर मिशन में जुटे डोभाल

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सुलिवन के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है जिसमें अमेरिका के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और उद्योग जगत के दिग्गज शामिल हैं.

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नई दिल्ली:

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने सोमवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन के साथ विस्तृत चर्चा की और इस दौरान उन्होंने मुख्य रूप से महत्वाकांक्षी ‘महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत-अमेरिका पहल' (आईसीईटी) के क्रियान्वयन, द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया. सुलिवन 17 से 18 जून तक दिल्ली की यात्रा पर हैं, जो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी की पहली भारत यात्रा है.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सुलिवन के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है जिसमें अमेरिका के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और उद्योग जगत के दिग्गज शामिल हैं. ऐसी जानकारी मिली है कि दोनों देशों के एनएसए ने प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर भी विचार-विमर्श किया, जिसकी शुरुआत में पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर देरी हो रही है. सुलिवन की भारत यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई संक्षिप्त बातचीत के तीन दिन बाद हुई है.

बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की. उनके प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलने की उम्मीद है. जयशंकर ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "आज सुबह नयी दिल्ली में अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन का स्वागत करते हुए प्रसन्नता हो रही है. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर व्यापक चर्चा हुई." उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी हमारे नए कार्यकाल में मजबूती से आगे बढ़ेगी."

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मई 2022 में तोक्यो में क्वाड सम्मेलन से इतर ‘आईसीईटी' की शुरुआत की थी. उसके बाद दोनों एनएसए ने सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कम्प्यूटिंग, रक्षा नवाचार, अंतरिक्ष और आधुनिक दूरसंचार समेत नयी एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के विविध पहलुओं पर साझेदारी के क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिए समन्वित प्रयास किए हैं. दोनों पक्षों ने आईसीईटी के अंतर्गत नये क्षेत्रों को शामिल किया है, जिसमें जैव प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज और दुर्लभ मृदा प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी, डिजिटल कनेक्टिविटी, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और उन्नत सामग्री शामिल हैं.

डोभाल-सुलिवन वार्ता से परिचित लोगों ने बताया कि इस यात्रा से दोनों एनएसए को प्रगति की समीक्षा करने और आईसीईटी के लिए नयी प्राथमिकताएं निर्धारित करने का अवसर देती है. दोनों दोनों के एनएसए ने द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत-अमेरिका साझेदारी की समीक्षा की. वे दोनों देशों के अंतर-विभागीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आईसीईटी की पहली वार्षिक समीक्षा की अध्यक्षता भी करने वाले थे.

मंगलवार को, दोनों एनएसए भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित उद्योग सीईओ के साथ भारत-अमेरिका आईसीईटी गोलमेज में प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे. डोभाल और सुलिवन द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर नियमित परामर्श करते रहे हैं. ऊपर उद्धृत लोगों ने बताया कि वर्तमान यात्रा भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के बहुआयामी एजेंडे पर उनकी उच्च-स्तरीय भागीदारी को जारी रखती है. अमेरिकी एनएसए ने आईसीईटी की समीक्षा के लिए भारत की यात्रा इस साल दो बार रद्द की, क्योंकि अमेरिकी प्रशासन का ध्यान इजरायल-हमास संघर्ष से उत्पन्न पश्चिम एशिया की स्थिति पर है.

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वार्ता में, दोनों पक्षों ने चल रहे रक्षा सहयोग की समीक्षा की, जिसमें अमेरिकी रक्षा दिग्गज जीई एयरोस्पेस और भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) के बीच भारतीय वायुसेना के लिए उन्नत एफ414 जेट इंजन का उत्पादन करने की महत्वाकांक्षी योजना भी शामिल है. पिछले साल अगस्त में, अमेरिकी संसद ने जेट इंजन के उत्पादन के लिए जीई एयरोस्पेस और एचएएल के बीच समझौते को मंजूरी दी थी.

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