- NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को सांसदों की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मानित किया.
- प्रधानमंत्री मोदी ने राधाकृष्णन को ओबीसी समाज का जमीनी और सहज नेता बताया, जो राजनीति में खेल नहीं करते.
- PM मोदी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू पर सिंधु जल समझौते को किसान विरोधी और देश के लिए नुकसानदायक बताया.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन को मंगलवार को सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों की एक बैठक में सम्मानित किया गया. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री समेत शीर्ष नेता मौजूद रहे. पीएम मोदी ने सी. पी. राधाकृष्णन को सभी सांसदों से रूबरू कराया. इस दौरान पीएम मोदी ने सी. पी. राधाकृष्णन की जमकर तारीफ की और उन्हें एक जमीनी नेता बताया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देश को दो बार बांटा.
नेहरू ने देश को 2 बार बांटा
एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एक बार देश का बंटवारा किया और दोबारा भी बंटवारा किया. दूसरे बंटवारे में उन्होंने सिंधु जल समझौते के तहत 80 फीसदी जल पाकिस्तान को दे दिया. नेहरू ने अपने सचिव के माध्यम से अपनी इस गलती को स्वीकार करते हुए कहा था कि कोई फायदा नहीं हुआ. पीएम मोदी ने कहा कि ये समझौता किसान विरोधी था.
राधाकृष्णन राजनीति खेल नहीं करते
पीएम मोदी ने राधाकृष्णन का परिचय सांसदों से कराते हुए कहा कि ये ओबीसी समाज से जमीनी नेता हैं और काफी सहज हैं. ये राजनीति में खेल नहीं करते हैं. पीएम मोदी की यह टिप्पणी पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से जोड़ कर देखी जा रही है.
स्वतंत्रता दिवस पर भी कांग्रेस पर साधा था निशाना
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल संधि को लेकर नेहरू पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था, 'देशवासियों को भली-भांति पता चला है कि सिंधु का समझौता कितना अन्यायपूर्ण है, कितना एकतरफा है. भारत से निकलती नदियों का पानी, दुश्मनों के खेत को सींच रहा है और मेरे देश के किसान, मेरे देश की धरती पानी के बिना प्यासी है. ये ऐसा समझौता था, जिसने पिछले 7 दशक से मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है. अब हिंदुस्तान के हक का जो पानी है उस पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है, हिंदुस्तान के किसानों का है. भारत कतई सिंधु समझौते को, उस स्वरूप को दशकों तक सहा है, उस स्वरूप को आगे नहीं सहा जाएगा. किसान हित में, राष्ट्रहित में, यह समझौता हमें मंजूर नहीं है.
राधाकृष्णन बुधवार को दाखिल कर सकते हैं नामांकन
राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन बुधवार को दाखिल कर सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग को लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों वाले निर्वाचक मंडल में पूर्ण बहुमत प्राप्त है, ऐसे में राधाकृष्णन की जीत तय मानी जा रही है. इस बीच, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) से संकेत मिल रहे हैं कि वह अपना उम्मीदवार उतारेगा और चुनाव लड़ेगा. भाजपा के अनुभवी नेता राधाकृष्णन (67) तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं और महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं.