आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी- 'हमारे और राष्ट्र के सपने अलग-अलग नहीं हैं'

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे और राष्ट्र के सपने अलग-अलग नहीं हैं. हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है. यह बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है.’’

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प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान के माउंट आबू स्थित ब्रह्म कुमारीज संस्थान द्वारा आयोजित ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम के राष्ट्रीय उद्घाटन समारोह को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे
जयपुर:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि हमारे और राष्ट्र के सपने अलग-अलग नहीं हैं और राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है. उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत यही है कि वह हर दौर में अपना मूल स्वभाव बनाए रखता है. प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान के माउंट आबू स्थित ब्रह्म कुमारीज संस्थान द्वारा आयोजित ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' कार्यक्रम के राष्ट्रीय उद्घाटन समारोह को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘हमारे और राष्ट्र के सपने अलग-अलग नहीं हैं. हमारी निजी और राष्ट्रीय सफलताएं अलग-अलग नहीं हैं. राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है. हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है. यह बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है.'

मोदी ने कहा, ‘आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें सबका प्रयास शामिल है. सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास .. यह सब देश का मूल मंत्र बन रहा है.' उन्होंने कहा, ‘आज हम ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो. एक ऐसा समाज बना रहे हैं जो समानता व सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो. हम ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं जिसकी सोच और एप्रोच नई है.'

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यही हमारा मूल मंत्र है
प्रधानमंत्री ने कहा 'सबका साथ, सबका विकास और सब का प्रयास' यही हमारा मूल मंत्र है.उन्होंने कहा कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की वजह से देश में स्त्री- पुरुष का अनुपात बेहतर हुआ है. 2019 के चुनावों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया है. हमारी सरकार में महिला मंत्री महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रही है. आज देश की कोई भी बेटी सेना में जाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा सकती है. 

भारत की छवि को धूमिल करने के लिए प्रयास
उन्होंने कहा कि भारत की छवि को धूमिल करने के लिए प्रयास चलते रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत कुछ चलता रहता है. इससे हम यह कह कर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि यह सिर्फ राजनीति है. यह राजनीति नहीं है. यह हमारे देश का सवाल है. हमारा यह दायित्व है कि दुनिया भारत को सही रूप में जाने.

75 साल में हम अधिकारों के लिए झगड़ते रहे
उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्यों से विमुक्त होना, कर्तव्यों को सर्वोपरि ना रखना - यह बुराई हम सब में घर गई है. पिछले 75 साल में हम अधिकारों के लिए झगड़ते रहे ..अधिकार की बात कुछ हद तक, कुछ समय के लिए एक परिस्थिति में सही हो सकती है. लेकिन अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाना. इस बात ने भारत को कमजोर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. भारत ने अपना बहुत बड़ा समय इसलिए गवाया है क्योंकि कर्तव्यों को प्राथमिकता नहीं दी गई. इन 75 वर्षों में कर्तव्यों को दूर रखने की वजह से जो खाई पैदा हुई.. समाज में जो कमी आई है उसकी भरपाई हम मिलकर  आने वाले 25 वर्षों में कर्तव्य की साधना करके पूरी कर सकते हैं.

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इससे पहले मोदी ने ब्रह्म कुमारीज की सात पहलों की सांकेतिक शुरुआत की. इन पहलों में ‘मेरा भारत स्वस्थ भारत', ‘आत्मनिर्भर भारत : आत्मनिर्भर किसान', ‘महिलाएं : भारत की ध्वजवाहक', ‘शांति बस अभियान की शक्ति', ‘अनदेखा भारत साइकिल रैली', ‘यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान' और ‘स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहल' शामिल हैं. इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल रहें.  

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