प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बृहस्पतिवार से यहां स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर 45 घंटे के प्रवास के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. इस दौरान मोदी यहां ध्यान लगाएंगे. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने प्रधानमंत्री के आध्यात्मिक प्रवास की अनुमति देने के खिलाफ जिलाधिकारी के समक्ष याचिका दायर की. इसमें उन्होंने चुनाव आचार संहिता लागू होने और पर्यटन सीजन का हवाला दिया. द्रमुक ने कहा कि पर्यटन सीजन में घरेलू और विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में आयेंगे.
देश के दक्षिणी छोर पर स्थित इस जिले में 2,000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान कड़ी निगरानी रखेंगी. पांच साल पहले उन्होंने 2019 के चुनाव प्रचार अभियान के बाद केदारनाथ गुफा में ध्यान लगाया था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने बताया कि मोदी 30 मई को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार समाप्त होने के बाद यहां स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए स्मारक ‘रॉक मेमोरियल' पर ध्यान लगाएंगे. वह ध्यान मंडपम में 30 मई की शाम से लेकर एक जून की शाम तक ध्यान लगाएंगे. ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर आध्यात्मिक विभूति विवेकानंद को ‘भारत माता' के बारे में दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई थी.
मोदी के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. तिरुनेलवेली रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) प्रवेश कुमार के साथ ही पुलिस अधीक्षक ई. सुंदरावथनम ने रॉक मेमोरियल, बोट जेटी, हेलीपैड और कन्याकुमारी में राज्य के अतिथि गृह का निरीक्षण किया. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात दल पहले ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गया है. हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर उतारने का एक परीक्षण भी कर लिया गया है.
अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थलों में शामिल कन्याकुमारी में और उसके आसपास करीब 2,000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. मोदी के संभावित कार्यक्रम के अनुसार, वह आध्यात्मिक प्रवास के लिए 30 मई की दोपहर को कन्याकुमारी पहुंचेंगे. इसके बाद वह मेमोरियल जाएंगे. वह एक जून को दोपहर तीन बजे तक विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ठहर सकते हैं जब देश में लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के लिए मतदान हो रहा होगा.
एक सूत्र ने बताया कि चूंकि प्रधानमंत्री ध्यान लगाने के लिए करीब 45 घंटे रुकेंगे तो तटीय सुरक्षा समूह, भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना समुद्री सीमाओं पर निगरानी रखेगी. भाजपा पदाधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी को इसलिए चुना क्योंकि वह देश में विवेकानंद के दृष्टिकोण को साकार करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें यह विश्वास है कि चार जून को मतगणना होने के बाद वह तीसरी बार सत्ता में वापस लौटेंगे.
लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान एक जून को होना है. मतदान से दो दिन पहले चुनाव-प्रचार समाप्त हो जाता है. भाजपा के पदाधिकारियों ने बताया कि जिस स्थान पर प्रधानमंत्री ध्यान लगाएंगे उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था. उन्होंने कहा कि देशभर में घूमने के बाद विवेकानंद यहीं पहुंचे थे और यहां उन्होंने तीन दिन तक ध्यान लगाया था और एक विकसित भारत का सपना देखा था. एक नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत दे रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि यह तमिलनाडु के प्रति प्रधानमंत्री की गहरी प्रतिबद्धता और स्नेह को भी दर्शाता है कि चुनाव समाप्त होने के बाद भी वह राज्य का दौरा कर रहे हैं.
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