प्रधानमंत्री मोदी ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित चूरलमाला का किया दौरा, देखें Photos

प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरीमट्टम का हवाई सर्वेक्षण किया था. अधिकारियों के मुताबिक, हवाई सर्वेक्षण के बाद मोदी का हेलीकॉप्टर कलपेट्टा में एसकेएमजे विद्यालय में उतरा, जहां से वह सड़क मार्ग से चूरलमाला के लिए रवाना हुए.

Advertisement
Read Time: 2 mins
वायनाड:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले पहुंचे और चूरलमाला में पैदल चलकर आपदा से हुए नुकसान का आकलन किया. अधिकारियों ने बताया कि मोदी कन्नूर हवाई अड्डे से वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिये वायनाड पहुंचे और 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं से प्रभावित चूरलमाला क्षेत्र में पैदल चलकर नुकसान का जायजा लिया. तस्वीरों में देखिए कैसे पीएम मोदी ने वायनाड क्षेत्र का दौरा किया.

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरीमट्टम का हवाई सर्वेक्षण किया था. अधिकारियों के मुताबिक, हवाई सर्वेक्षण के बाद मोदी का हेलीकॉप्टर कलपेट्टा में एसकेएमजे विद्यालय में उतरा, जहां से वह सड़क मार्ग से चूरलमाला के लिए रवाना हुए.

चूरलमाला में सेना ने आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में मदद के लिए 190 फुट लंबा बेली ब्रिज बनाया है. मोदी नुकसान का जायजा लेते हुए इस पुल से पैदल गुजरे. अधिकारियों के अनुसार, चूरलमाला पहुंचने के बाद मोदी अपने वाहन से उतरे, बचाव कर्मियों, राज्य के मुख्य सचिव वी वेणु और जिले के अधिकारियों से बातचीत की, फिर पैदल ही पत्थरों और मलबे से भरे क्षेत्र का सर्वेक्षण किया.

इस दौरान, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और केंद्रीय पर्यटन तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी भी उनके साथ थे.

अधिकारियों ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण में उन्होंने भूस्खलन के केंद्र बिंदु को देखा, जो इरुवाझिनजी पुझा (नदी) के उद्गम स्थल पर है. उन्होंने पुंचिरीमट्टम, मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का भी जायजा लिया.

वायनाड से चूरलमाला के बीच प्रधानमंत्री के काफिले के मार्ग पर सैकड़ों लोग उनकी एक झलक पाने के लिए सड़कों के किनारे एकत्र थे. केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 226 लोगों की मौत हो गई थी. क्षेत्र में कई लोग अब भी लापता हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
One Nation One Election प्रस्ताव के समर्थक और विरोधियों के तर्क-वितर्क