प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं. इस क्रम में पीएम झांसी पहुंचे हैं, जहां उन्होंने 3425 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगात दी.दरअसल, झांसी पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले झांसी के किले पर पहुंचे, जहां उन्होंने तिरंगे को सलामी दी और फिर रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा का अनावरण किया. इसके बाद पीएम ने झांसी के किले में बालिका एनसीसी कैडेट्स की एक टुकड़ी से मुलाकात की. एक बालिका कैडेट ने उन्हें तलवार भेंट की.
पीएम मोदी ने एनसीसी के पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ भी किया और इसके पहले सदस्य भी बने. उन्होंने एनसीसी की तीन विंगों के लिए सिमुलेशन प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से एनसीसी कैडेटों के लिए सिमुलेशन प्रशिक्षण के राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत की.
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रक्षा समर्पण पर्व कार्यक्रम (Rashtra Raksha Samparpan Parv) में पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में नेशनल वार मेमोरियल में संवर्धित वास्तविकता संचालित इलेक्ट्रॉनिक कियोस्क राष्ट्र को समर्पित किया. जो आगंतुकों को बटन के क्लिक के माध्यम से शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करने में सक्षम बनाएगा. इस दौरान उनके साथ मंच पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज झांसी की ये धरती आजादी के भव्य अमृत महोत्सव की साक्षी बन रही है. इस धरती पर एक नया, सशक्त और सामर्थ्यशाली भारत आकार ले रहा है. रानी लक्ष्मीबाई की ये धरती बोल रही है- मैं तीर्थ स्थली वीरों की, मैं क्रांतिकारियों की काशी, मैं हूं झांसी, मैं हूं झांसी, मैं हूं झांसी, मैं हूं झांसी. इस धरती पर आकर मुझे एक विशेष कृतज्ञता की अनुभूति होती है, एक विशेष अपनापन लगता है. इसी कृतज्ञ भाव से मैं झांसी को नमन करता हूं, वीर वीरांगनाओं की धरती बुंदेलखंड को सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं.
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आज, गुरुनानक देव जी की जयंती, कार्तिक पूर्णिमा के साथ-साथ देव-दीपावली भी है. मैं गुरुनानक देव जी को नमन करते हुये सभी देशवासियों को इन पर्वों की हार्दिक शुभकामनायें देता हूं. आज मैं झांसी के एक और सपूत मेजर ध्यानचंद जी का स्मरण करना चाहूंगा. जिन्होंने भारत के खेल जगत को दुनिया में पहचान दी. अभी कुछ समय पहले ही हमारी सरकार ने देश के खेल रत्न अवॉर्ड को मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर रखने की घोषणा की है. आज एक ओर हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ रही है, साथ ही भविष्य में देश की रक्षा के लिए, सक्षम युवाओं के लिए जमीन भी तैयार हो रही है.
उन्होंने कहा कि ये 100 सैनिक स्कूल जिनकी शुरुआत होगी, वो आने वाले समय में देश का भविष्य ताकतवर हाथों में देने का काम करेंगे.33 सैनिक स्कूलों में इस सत्र से गर्ल्स स्टूडेंट्स के एडमीशन शुरू भी हो गए हैं. सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियां भी निकलेंगी जो देश की रक्षा-सुरक्षा, विकास की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएंगी.
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