व्यापार, ऊर्जा, रक्षा... और मजबूत हुए भारत-कुवैत संबंध, अल-सबा को भारत का न्योता; जानें PM के दौरे की हर बात

विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों प्रधानमंत्रियों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा की.

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कुवैत सिटी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय कुवैत यात्रा समाप्त करने के बाद वापस भारत लौट आए हैं. यात्रा के पहले दिन जहां उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित किया और प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना की. वहीं दूसरे दिन पीएम मोदी ने कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा और अन्य कुवैती नेताओं के साथ व्यापक द्विपक्षीय रिश्तों पर व्यापक चर्चा की. कुवैत ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से भी सम्मानित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा सहित अन्य कुवैती नेताओं के बीच रविवार को व्यापक चर्चा हुई. इस बातचीत के दौरान भारत और कुवैत ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने का फैसला किया. साथ ही, रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

अमीर के अलावा, मोदी ने समग्र द्विपक्षीय संबंधों को नयी गति देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कुवैती प्रधानमंत्री अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबा और युवराज (क्राउन प्रिंस) सबा अल-खालिद अल-हमद अल-मुबारक अल-सबा के साथ व्यापक बातचीत की.

कई मुद्दों पर चर्चा
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों प्रधानमंत्रियों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा की.

मंत्रालय में सचिव (प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि रक्षा संबंधी समझौता ज्ञापन (एमओयू) रक्षा उद्योगों, रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण, कर्मियों और विशेषज्ञों की सेवा के आदान-प्रदान और अनुसंधान और विकास में सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करेगा.

इस दौरान अन्य समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए जो खेल, संस्कृति और सौर ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग की सुविधा प्रदान करेंगे. बैठकों में, भारतीय पक्ष ने खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की कुवैत की अध्यक्षता के माध्यम से प्रभावशाली समूह के साथ अपने सहयोग को तेज करने में भी गहरी रुचि दिखाई.

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PM मोदी और अमीर ने बायन पैलेस में हुई अपनी चर्चा में सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि, फिनटेक, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा क्षेत्र में संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया. मोदी ने कुवैत में दस लाख से अधिक भारतीयों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अमीर को धन्यवाद दिया, जबकि कुवैती नेता ने खाड़ी देश की विकास यात्रा में समुदाय के योगदान की सराहना की.

PM मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि अमीर के साथ उनकी मुलाकात ‘‘उत्कृष्ट'' रही. उन्होंने कहा कि कुवैत के महामहिम अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा के साथ शानदार बैठक. हमने औषधि, सूचना प्रौद्योगिकी, फिनटेक, अवसंरचना और सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की.

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मोदी ने कहा, ‘‘हमारे देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों के अनुरूप हमने अपनी साझेदारी को रणनीतिक स्तर तक बढ़ाया है और मैं आशावादी हूं कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी अधिक विकसित होगी.''

मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे जो 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस खाड़ी देश की पहली यात्रा है. बायन पैलेस पहुंचने पर मोदी का रस्मी स्वागत किया गया और कुवैती प्रधान मंत्री अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबा ने उनकी अगवानी की.

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मोदी ने कुवैत के युवराज अल-मुबारक अल-सबा के साथ बैठक में कहा कि कुवैत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को भारत अत्यधिक महत्व देता है. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘नेताओं ने स्वीकार किया कि द्विपक्षीय संबंध अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं और रणनीतिक साझेदारी तक इनके विस्तार का स्वागत किया.''

इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर दोनों पक्षों के बीच घनिष्ठ समन्वय पर जोर दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि कुवैत की अध्यक्षता में भारत-जीसीसी संबंध और मजबूत होंगे.''

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कुवैत के युवराज ने मोदी के सम्मान में भोज का आयोजन किया. मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे. पिछले 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह इस खाड़ी देश की पहली यात्रा है. इससे पहले, 1981 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी.

ऐतिहासिक एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों को याद किया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री और अमीर के बीच बातचीत भारत-कुवैत संबंधों को ‘‘नयी ऊंचाइयों'' पर ले जाने के तरीके तलाशने पर केंद्रित रही. अपनी चर्चाओं में, मोदी और कुवैती अमीर ने दोनों देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों को याद किया. द्विपक्षीय सहयोग को और अधिक विस्तारित एवं गहरा करने के लिए अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुवैत में भारतीय समुदाय के दस लाख से अधिक लोगों की कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए अमीर को धन्यवाद दिया. इसने कहा कि मोदी ने कुवैत द्वारा उसके ‘विजन 2035' को पूरा करने के लिए की जा रही नयी पहल की सराहना की और इस महीने की शुरुआत में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए अमीर को बधाई दी.

जीसीसी एक प्रभावशाली समूह है जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में जीसीसी देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 184.46 अरब अमेरिकी डॉलर का था.

PM मोदी ने शनिवार को ‘अरेबियन गल्फ कप' के उद्घाटन समारोह में ‘विशिष्ट अतिथि' के रूप में उन्हें आमंत्रित करने के लिए भी आभार व्यक्त किया. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमीर ने मोदी की भावनाओं का सम्मान करते हुए कुवैत और खाड़ी क्षेत्र में एक मूल्यवान भागीदार के रूप में भारत की भूमिका की सराहना की.

बयान में कहा गया कि कुवैती नेता कुवैत के ‘विजन 2035' को साकार करने की दिशा में भारत की ओर से बड़ी भूमिका और योगदान की आशा करते हैं. प्रधानमंत्री ने अमीर को भारत आने का निमंत्रण भी दिया. खाड़ी देश भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा. कुवैत, भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को तीन प्रतिशत तक पूरा करता है.

भारतीय निर्यात कुवैत में पहली बार दो अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जबकि भारत में कुवैत निवेश प्राधिकरण का निवेश 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया. भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है.