Explainer: क्‍या है भारत-ब्रिटेन FTA, क्‍यों ये भारत के लिए मौका-मौका डील है, इससे क्या फायदे होंगे?

ये फ्री ट्रेड एग्रीमेंट क्‍या होता है, भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (FTA) क्‍या है, ये भारत के लिए एक 'मौका-मौका' डील क्यों है और इससे क्या-क्या फायदे होने वाले हैं, आइए जानते हैं FAQs के जरिये जानते हैं सभी जरूरी सवालों के जवाब.   

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  • प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-ब्रिटेन व्यापार और रक्षा सहयोग को मजबूत करना है.
  • भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दोनों देशों के बीच टैरिफ और व्यापार बाधाओं को कम करता है.
  • इस समझौते से भारत में नौकरियों का सृजन और द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि होगी. अर्थव्‍यवस्‍था को गति मिलेगी.
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नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बुधवार से ब्रिटेन और मालदीव के दौरे पर हैं. पहले दो दिन वे ब्रिटेन में होंगे. ये उनकी चौथी ब्रिटेन यात्रा है, जिसका मुख्य उद्देश्य व्यापार और रक्षा सहयोग को मजबूत करना है. इस दौरे का सबसे अहम पड़ाव ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ उनकी गुरुवार को होने वाली बैठक होगी, जहां भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर होने की पूरी संभावना है. दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने मई में ही इस ऐतिहासिक समझौते की घोषणा की थी. इस एग्रीमेंट को दोनों देशों के लिए 'महत्वाकांक्षी', 'क्रांतिकारी' और 'बेहद सकारात्‍मक बदलाव लाने वाला' बताया गया है. 

ये फ्री ट्रेड एग्रीमेंट क्‍या होता है, भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (FTA) क्‍या है, ये भारत के लिए एक 'मौका-मौका' डील क्यों है और इससे क्या-क्या फायदे होने वाले हैं, आइए जानते हैं FAQs के जरिये जानते हैं सभी जरूरी सवालों के जवाब.   

सवाल: क्‍या है मुक्त व्यापार समझौता?

जवाब: मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दरअसल, दो या दो से अधिक देशों के बीच एक संधि है, जो उनके बीच वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को आसान बनाने के लिए टैरिफ (आयात शुल्क) और अन्य व्यापार बाधाओं को कम करती है या खत्‍म करती है. इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना और दोनों देशों के उद्योगों को लाभ पहुंचाना है.

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सवाल: भारत-ब्रिटेन FTA में टैरिफ को लेकर क्या प्रावधान हैं?

जवाब: इस FTA के तहत, भारत 99% भारतीय टैरिफ लाइनों पर टैरिफ को समाप्त कर सकता है, जो लगभग 100% व्यापार मूल्य को कवर करता है. वहीं, ब्रिटेन 90% ब्रिटिश टैरिफ लाइनों पर टैरिफ कम र सकता है. ये व्यवस्था दोनों देशों के लिए अपने उत्‍पाद और सेवाओं को एक-दूसरे के बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी दरों (Cometitive rates) पर बेचने में मदद करेगी.

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सवाल: इस FTA से भारत को क्या मुख्य आर्थिक लाभ मिलेंगे?

जवाब: FTA से भारत में नौकरियों का सृजन होगा, विशेष रूप से श्रम-गहन क्षेत्रों जैसे कपड़ा, समुद्री उत्पाद और चमड़ा उद्योगों में. यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, निवेश और नवाचार को भी बढ़ावा देगा. अनुमान है कि यह समझौता 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक कर देगा.

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सवाल: किन भारतीय निर्यात क्षेत्रों को सबसे अधिक लाभ होगा?

जवाब: भारत में वस्त्र, समुद्री उत्पाद, चमड़ा और इंजीनियरिंग सामान जैसे क्षेत्रों को इस FTA से बहुत अधिक लाभ होगा. इसके अतिरिक्त, जूते, खेल के सामान, खिलौने, रत्न, आभूषण, ऑटो पार्ट्स, इंजन और कार्बनिक रसायन जैसे क्षेत्रों को भी शून्य-शुल्क पहुंच से फायदा होगा.

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सवाल: क्या यह समझौता भारतीय पेशेवरों की गतिशीलता को बढ़ावा देगा?

जवाब: हां, FTA पेशेवर और सेवाओं की गतिशीलता को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धता प्रदान करता है. आईटी, वित्तीय सेवाओं और पेशेवर क्षेत्रों में भारतीय सेवा प्रदाताओं को यूके के बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलने की संभावना है. यह व्यापार आगंतुकों, निवेशकों, कॉर्पोरेट हस्तांतरित कर्मियों, योग प्रशिक्षकों, संगीतकारों और शेफ सहित पेशेवरों के लिए आसान गतिशीलता की सुविधा प्रदान करता है.

सवाल: भारतीय उपभोक्ताओं को इस समझौते से क्या लाभ मिलेंगे?

जवाब: भारतीय उपभोक्ताओं को यूके से आयातित उत्पादों जैसे व्हिस्की, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों पर कम लागत का लाभ मिल सकता है. इसके अलावा, अत्याधुनिक तकनीक और निवेश तक पहुंच से भारत में नौकरियों का सृजन होने की उम्मीद है.

सवाल: यूके के किन क्षेत्रों को इस FTA से फायदा होगा?

जवाब: यूके में पेय पदार्थ, ऑटोमोटिव, उन्नत विनिर्माण और जीवन विज्ञान जैसे उद्योगों को कम टैरिफ और बेहतर बाजार पहुंच से लाभ होगा. विशेष रूप से, व्हिस्की और जिन पर टैरिफ 150% से घटकर शुरू में 75% और फिर अगले दशक में 40% हो जाएंगे, जिससे स्कॉच व्हिस्की के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

सवाल: क्या इस FTA से आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन मजबूत होगा?

जवाब: हां, यह समझौता गैर-टैरिफ बाधाओं को समाप्त करने का लक्ष्य रखता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं का मुक्त प्रवाह हो सके. यह आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के बीच व्यापार दक्षता में सुधार करेगा.

सवाल: केवल व्‍यापार समझौता या उससे आगे की भी संभावना?

जवाब: ब्रिटेन के प्रमुख थिंक टैंक चैथम हाउस ने 'Why the Indo-Pacific should be a higher priority for the UK' शीर्षक से एक रिसर्च पेपर जारी किया है. इसमें ब्रिटेन की हिंद-प्रशांत रणनीति को नया रूप देने का आह्वान किया गया है, जिसमें भारत के साथ संबंधों को केवल व्यापार समझौते से आगे ले जाने और पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही गई है.

सवाल: यह समझौता भारत के लिए 'मौका-मौका' डील क्यों है?

यह FTA भारत को यूके के विशाल बाजार तक अभूतपूर्व पहुंच प्रदान करता है, जिससे भारतीय उत्पादों और सेवाओं के लिए नए अवसर खुलते हैं. यह भारत में बड़े पैमाने पर नौकरियों का सृजन करेगा, निवेश को आकर्षित करेगा और अर्थव्यवस्था को गति देगा. साथ ही, पेशेवर गतिशीलता के प्रावधानों से भारतीय प्रतिभाओं को वैश्विक मंच पर चमकने का मौका मिलेगा, जिससे यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी सौदा बन जाता है.

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