कैसे भारत को बना रहे 'आत्मनिर्भर'? PM मोदी ने बताया स्कीमों के लिए कैसे करते हैं ग्रासरूट लेवल से काम

पीएम ने कहा कि अब मैं ऐसी तो गलती नहीं कर सकता कि गेहूं एक्सपोर्ट करूं और ब्रेड इम्पोर्ट करूं... मैं तो चाहूंगा मेरे देश में ही गेहूं का आटा निकले, मेरे देश में ही गेहूं का ब्रेड बने. मेरे देश के लोगों को रोजगार मिले तो मेरा 'आत्मनिर्भर भारत' का जो मिशन है.

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नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं. न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत से लेकर हर मुद्दे पर बात की. गरीबी हटाओ के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि देखिए हमारे देश में जो नैरेटिव गढ़ने वाले लोग हैं उन्होंने देश का इतना नुकसान किया. पीएम ने कहा कि हमने आत्मनिर्भर भारत की बात की है. पहले चीजें बाहर से आती थी तो कहते थे देखिए देश को बेच रहे हैं सब बाहर से लाते हैं. आज जब देश में बन रहा है तो कहते हैं देखिए ग्लोबलाइजेशन का जमाना है और आप लोग अपने ही देश की बातें करते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं समझ नहीं पाता हूं कि देश को इस प्रकार से गुमराह करने वाले इन एलिमेंट्स से देश को कैसे बचाया जाए. दूसरी बात है अगर अमेरिका में कोई कहता है 'Be American By American' उस पर तो हम सीना तान कर गर्व करते हैं. लेकिन, मोदी कहता है 'वोकल फॉर लोकल' तो लोगों को लगता है कि ये ग्लोबलाइजेशन के खिलाफ है. तो, इस प्रकार से लोगों को गुमराह करने वाली ये प्रवृत्ति चलती है. जहां तक भारत जैसा देश जिसके पास मैनपावर है, स्किल्ड मैनपावर है.

गेहूं एक्सपोर्ट करूं और ब्रेड इम्पोर्ट करूं ये मैं नहीं कर सकता: PM मोदी
पीएम ने कहा कि अब मैं ऐसी तो गलती नहीं कर सकता कि गेहूं एक्सपोर्ट करूं और ब्रेड इम्पोर्ट करूं... मैं तो चाहूंगा मेरे देश में ही गेहूं का आटा निकले, मेरे देश में ही गेहूं का ब्रेड बने. मेरे देश के लोगों को रोजगार मिले तो मेरा 'आत्मनिर्भर भारत' का जो मिशन है, उसके पीछे मेरी पहली जो प्राथमिकता है कि मेरे देश के टैलेंट को अवसर मिले. मेरे देश के युवाओं को रोजगार मिले, मेरे देश का धन बाहर न जाए, मेरे देश में जो प्राकृतिक संसाधन हैं उनका वैल्यू एडिशन हो, मेरे देश के अंदर किसान जो काम करता है, उसकी जो प्रोडक्ट है, उसका वैल्यू एडिशन हो, वो ग्लोबल मार्केट को कैप्चर करे और इसलिए मैंने विदेश विभाग को भी कहा है कि भई आपकी सफलता को मैं तीन आधारों से देखूंगा. एक भारत से कितना सामान आप जिस देश में हैं वहां पर खरीदा जाता है, दूसरा उस देश में बेस्ट टेक्नोलॉजी कौन सी है जो अभी तक भारत में नहीं है. वो टेक्नोलॉजी भारत में कैसे आ सकती है और तीसरा उस देश में से कितने टूरिस्ट भारत भेजते हो आप, ये मेरा क्राइटेरिया रहेगा... तो, मेरे हर चीज में सेंटर में मेरा नेशन, सेंटर में मेरा भारत और नेशन फर्स्ट इस मिजाज से हम काम करते हैं.

राहुल और केजरीवाल के लिए पाकिस्तान से क्यों उठती है आवाज? 
प्रधानमंत्री से जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के पक्ष में पाकिस्तान से उठने वाली आवाज को लेकर सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि ये जांच का विषय है.  प्रधानमंत्री ने कहा कि देखिए, चुनाव भारत का है और भारत का लोकतंत्र बहुत ही मैच्योर है, तंदुरुस्त परंपराएं हैं और भारत के मतदाता भी बाहर की किसी भी हरकतों से प्रभावित होने वाले मतदाता नहीं हैं. मैं नहीं जानता हूं कि कुछ ही लोग हैं, जिनको हमारे साथ दुश्मनी रखने वाले लोग क्यों पसंद करते हैं, कुछ ही लोग हैं, जिनके समर्थन में आवाज वहां से क्यों उठती है. अब ये बहुत बड़ी जांच पड़ताल का गंभीर विषय है. मुझे नहीं लगता है कि जिस पद पर मैं बैठा हूं वहां से ऐसे विषयों पर कोई कमेंट करना चाहिए, लेकिन, आपकी चिंता मैं समझ सकता हूं.

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