पीएम मोदी ने मन की बात में स्वच्छता अभियानों पर की बात, बोले - 'हर गांव में शुरू हो प्रकृति अभियान'

पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक सीमावर्ती गांव है 'झाला'. यहां के युवाओं ने अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए एक विशेष पहल की है, जिसका नाम है ‘धन्यवाद प्रकृति’ या ‘थैंक यू नेचर’ अभियान.

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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के 114वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित एक सीमावर्ती गांव 'झाला' का उल्लेख करते हुए वहां के युवाओं द्वारा किए जा रहे स्वच्छता अभियान की सराहना की. पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक सीमावर्ती गांव है 'झाला'. यहां के युवाओं ने अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए एक विशेष पहल की है, जिसका नाम है ‘धन्यवाद प्रकृति' या ‘थैंक यू नेचर' अभियान. इस अभियान के तहत गांव में रोजाना दो घंटे सफाई की जाती है.

सबको शुरू करना चाहिए थैंक्यू अभियान

गांव की गलियों में बिखरे कूड़े को समेटकर, उसे गांव के बाहर तय स्थान पर डाला जाता है. इससे झाला गांव स्वच्छ हो रहा है और लोग जागरूक भी हो रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसे ही हर गांव और मोहल्ले में ‘थैंक यू' अभियान शुरू किया जाए, तो कितना बड़ा परिवर्तन आ सकता है.

पुडुचेरी का भी पीएम मोदी ने किया जिक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वच्छता को लेकर पुडुचेरी के समुद्र तट पर भी जबरदस्त मुहिम चलाई जा रही है. यहां रम्या जी नाम की महिला माहे क्षेत्र के समुद्र तटों को साफ-सुथरा बना रही हैं. मैंने यहां सिर्फ दो प्रयासों की चर्चा की है, लेकिन, हम आसपास देखें, तो पाएंगे कि देश के हर किसी हिस्से में स्वच्छता को लेकर कोई-ना-कोई अनोखा प्रयास जरूर चल रहा है. कुछ ही दिन बाद आने वाले 2 अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत मिशन' के 10 साल पूरे हो रहे हैं. यह अवसर उन लोगों के अभिनंदन का है जिन्होंने इसे भारतीय इतिहास का इतना बड़ा जन-आंदोलन बना दिया. यह महात्मा गांधी जी को भी सच्ची श्रद्धांजलि है, जो जीवनपर्यंत, इस उद्देश्य के लिए समर्पित रहे थे.

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रिड्यूस, रियूज, रिसाइकिल पर भी की बात

उन्होंने आगे कहा कि आज यह ‘स्वच्छ भारत मिशन' की ही सफलता है कि ‘वेस्ट टू वेल्थ' का मंत्र लोगों में लोकप्रिय हो रहा है. लोग ‘रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल' पर बात करने लगे हैं, उसके उदाहरण देने लगे हैं. अब जैसे मुझे केरला के कोझिकोड में एक शानदार प्रयास के बारे में पता चला. यहां 74 साल के सुब्रह्मण्यन जी 23 हजार से अधिक कुर्सियों की मरम्मत करके उन्हें दोबारा काम लायक बना चुके हैं.

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लोगों से स्वच्छता अभियान में हिस्सा लेने का किया अनुरोध

लोग तो उन्हें ‘रिड्यूस, रीयूज और रिसाइकिल‘ (ट्रिपल आर) चैंपियन भी कहते हैं. उनके इन अनूठे प्रयासों को कोझिकोड सिविल स्टेशन, पीडब्ल्यूडी और एलआईसी के दफ्तरों में देखा जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि स्वच्छता को लेकर जारी अभियान से हमें ज्यादा-से- ज्यादा लोगों को जोड़ना है, और यह एक अभियान, किसी एक दिन का, एक साल का, नहीं होता है, यह युगों-युगों तक निरंतर करने वाला काम है. यह जब तक हमारा स्वभाव बन जाए ‘स्वच्छता', तब तक करने का काम है. मेरा आप सबसे आग्रह है कि आप भी अपने परिवार, दोस्तों, पड़ोसियों या सहकर्मियों के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान में हिस्सा जरूर लें. मैं एक बार फिर ‘स्वच्छ भारत मिशन' की सफलता पर आप सभी को बधाई देता हूं.

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अमेरिकी दौरे का भी किया जिक्र

पीएम मोदी ने मन की बात में अपने अमेरिकी दौरे का भी जिक्र किया और उन्होंने प्राचीन कलाकृतियों के बारे में भी बताया जिन्हें पीएम को राष्ट्रपति बाइडेन ने बड़े प्यार से सौंपा था. प्रधानमंत्री ने कहा, हम सभी को अपनी विरासत पर बहुत गर्व है और मैं तो हमेशा कहता हूं ‘विकास भी-विरासत भी'. पीएम ने बाइडेन के स्वागत सत्कार की प्रशंसा करते हुए कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने पूरा अपनापन दिखाते हुए डेलावेयर के अपने निजी आवास में इनमें से कुछ कलाकृतियों को मुझे दिखाया. पीएम मोदी ने कहा, लौटाई गईं कलाकृतियां में टेराकोटा, स्टोन हाथी के दांत, लकड़ी, तांबा और कांसे जैसी चीजों से बनी हुई हैं. इनमें से कई तो चार हजार साल पुरानी हैं. चार हजार साल पुरानी कलाकृतियों से लेकर 19वीं सदी तक की कलाकृतियों को अमेरिका ने वापस किया है. इनमें फूलदान, देवी-देवताओं की टेराकोटा पट्टिकाएं, जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं के अलावा भगवान बुद्ध और भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियां भी शामिल हैं. लौटाई गईं चीजों में पशुओं की कई आकृतियां भी हैं पुरुष और महिलाओं की आकृतियों वाली जम्मू-कश्मीर की टेराकोटा टाइलें तो बेहद ही दिलचस्प हैं.

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