PM Modi On Godhra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में गोधरा की घटना के बारे में खुलकर बात की. 27 फरवरी, 2002 को हिंदू कारसेवकों को ले जा रही साबरमती एक्सप्रेस को भीड़ ने आग लगा दी थी. इसमें महिलाओं और बच्चों सहित 59 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे हुए और सैकड़ों लोग मारे गए. पीएम मोदी ने इसे अकल्पनीय त्रासदी बताते हुए कहा, "27 फरवरी, 2002 को, हम बजट सत्र के लिए विधानसभा में बैठे थे. मुझे एमएलए बने हुए सिर्फ़ तीन दिन ही हुए थे, जब अचानक, भयावह गोधरा की घटना घटी. यह अकल्पनीय त्रासदी थी. लोगों को जिंदा जला दिया गया. बेशक, यह सभी के लिए दुखद था. हर कोई शांति पसंद करता है."
"अदालत ने निर्दोष पाया"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह धारणा कि ये अब तक के सबसे बड़े दंगे थे, गलत सूचना है. अगर आप 2002 से पहले के आंकड़ों की समीक्षा करेंगे, तो आप देखेंगे कि गुजरात में लगातार दंगे हुए. हमेशा कहीं न कहीं लगातार कर्फ्यू लगाया जा रहा था. पतंगबाजी की प्रतियोगिता या यहां तक कि मामूली साइकिल टक्कर जैसी छोटी-मोटी बातों पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती थी. 2002 से पहले, गुजरात में 250 से ज़्यादा बड़े दंगे हुए. 1969 में दंगे करीब छह महीने तक चले. इसलिए, मेरे सीएम बनने से बहुत पहले से ही दंगों का एक लंबा इतिहास है." यह स्वीकार करते हुए कि गोधरा ट्रेन आगजनी की घटना ने कुछ लोगों को हिंसा की ओर प्रेरित किया, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र में सत्ता में बैठे उनके विरोधियों ने उनकी सरकार के खिलाफ़ आरोप लगाने की कोशिश की. हालांकि, उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने स्थिति का विश्लेषण करने के बाद उन्हें निर्दोष पाया.
गुजरात की सराहना की
प्रधानमंत्री ने कहा, "लेकिन 2002 में हुई एक दुखद घटना ने लोगों को हिंसा की ओर धकेल दिया. फिर भी, न्यायपालिका ने मामले की गहन जांच की. उस समय हमारे राजनीतिक विरोधी सत्ता में थे और स्वाभाविक रूप से वे चाहते थे कि हमारे खिलाफ सभी आरोप सही साबित हों. उनके अथक प्रयासों के बावजूद, न्यायपालिका ने दो बार स्थिति का बारीकी से विश्लेषण किया और अंततः हमें पूरी तरह से निर्दोष पाया. जो लोग वास्तव में जिम्मेदार थे, उन्हें अदालतों से न्याय मिला है." पीएम मोदी ने 2002 के बाद कोई भी "बड़ा दंगा" न होने के लिए गुजरात की सराहना की.
"23 वर्षों में, एक भी दंगा नहीं"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनका गृह राज्य "पूरी तरह से शांतिपूर्ण" बना हुआ है, क्योंकि उनकी सरकार का मंत्र सभी के लिए विकास पर केंद्रित है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गुजरात में, जहां हर साल किसी न किसी तरह से दंगे होते थे, लेकिन 2002 के बाद, 23 वर्षों में, गुजरात में एक भी बड़ा दंगा नहीं हुआ है. गुजरात पूरी तरह से शांतिपूर्ण बना हुआ है. हमारा मंत्र रहा है, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास. हम तुष्टीकरण की राजनीति से हटकर आकांक्षा की राजनीति की ओर बढ़ गए हैं. इस वजह से, जो कोई भी योगदान देना चाहता है, वह स्वेच्छा से हमसे जुड़ता है. आज, गुजरात भी विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है."
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