पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला (PM Modi Security Breach) गरमाता जा रहा है. सुरक्षा चूक के मामले में बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान को खतरे में डालने का आरोप लगाया. दूसरी ओर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
वहीं, गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सी आर पाटिल ने कांग्रेस से माफी मांगने कहा. पाटिल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री को जानबूझकर रैली में शरीक होने से रोका गया.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मामले की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति गठित की. पीठ ने न्यायमूर्ति मल्होत्रा के अलावा NIA के महानिदेशक या उनके प्रतिनिधि (जो पुलिस महानिरीक्षक से नीचे की रैंक के नहीं हों), चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक तथा पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) को समिति का सदस्य बनाया है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल भी इसमें सदस्य होंगे और उनसे समिति के समन्वयक के तौर पर काम करने को कहा गया है. समिति जल्द से जल्द शीर्ष अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
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सीएम खट्टर ने बधुवार को कहा कि चन्नी सरकार ने पंजाब के फिरोजपुर में पीएम मोदी के काफिले को रोकने के लिए किसान नेताओं से रास्ता अवरुद्ध करने को कहा था. हरियाणा सरकार के एक बयान के अनुसार, खट्टर ने कहा कि सीआईडी (पंजाब) ने भी चेतावनी दी थी कि मौसम खराब होने के कारण वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करनी पड़ सकती है. उन्होंने कहा, “प्रबंध करना तो दूर, पंजाब सरकार ने किसान नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रधानमंत्री का रास्ता कैसे रोकना है. ऐसा कर उन्होंने उनकी (मोदी की) जान खतरे में डाली थी.”
कांग्रेस को नतीजों का सामना करना पड़ेगा
पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर गुजरात भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल ने कल कांग्रेस को माफी मांगने कहा. पाटिल ने दावा किया कि देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री को जानबूझकर रैली में शरीक होने से रोक दिया गया. गांधीनगर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा, ‘‘यह वास्तव में एक गंभीर मामला है, जो कुछ हुआ उसके लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए. लोग इसे कभी नहीं भूलेंगे. मैं आश्वस्त हूं कि विपक्षी दल को इसके नतीजों का सामना करना पड़ेगा.''
आंदोलनकारियों को रोकने के प्रयास नहीं हुए : गुजरात बीजेपी अध्यक्ष
पाटिल ने एक समाचार चैनल द्वारा किए गए 'स्टिंग ऑपरेशन' का हवाला देते हुए दावा किया कि पंजाब में कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर सुरक्षा खतरे को नजरअंदाज किया. भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि, ‘‘पंजाब सीआईडी के एक पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान संभावित अवांछित स्थिति के बारे में पहले ही चेतावनी दी थी, लेकिन डीसीपी की रिपोर्ट को नजरअंदाज कर आंदोलनकारियों को मौके पर पहुंचने से रोकने के प्रयास नहीं किए गए. पुलिस अधिकारियों ने असल में आंदोलनकारियों का समर्थन किया.'' पाटिल ने दावा किया कि जहां प्रधानमंत्री का काफिला रुका था, वहां से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय सीमा थी.
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गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा नाकेबंदी के कारण प्रधानमंत्री मोदी का काफिला लगभग 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा, जो एक बड़ी सुरक्षा चूक थी.
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