पीएम ने दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने की दी सलाह, मेक इन इंडिया पर दिया खास जोर

पीएम ने कहा कि भारत जैसा विशाल देश सिर्फ एक बाजार बनकर रह जाए तो हम कभी प्रगति नहीं कर पाएंगे और न ही हमारी युवा पीढ़ी को मौके मिलेंगे. वैश्विक महामारी के दौर में भी हम देख रहे हैं कि विश्व में सप्लाई चेन (Supply Chain) किस तरह तहस-नहस हुई है.’

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वेबिनार (Webinar) को पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'विश्व के लिए मेक इन इंडिया' (Make In India) पर आयोजित किए वेबिनार में हिस्सा लिया. इस वेबिनार (Webinar) को पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. पीएम ने कहा कि आज दुनिया भारत को विनिर्माण शक्ति के रूप में देख रही है. पीएम मोदी ने कहा, ‘मेक इन इंडिया अभियान आज 21वीं सदी के भारत की आवश्यकता है और इसी के जरिए हमें दुनिया में अपना सामर्थ्य दिखाने का मौका भी मिल रहा है.

पीएम (PM Modi) ने कहा कि जब इतने बड़े संकट सामने होते हैं और बड़ी तेजी से परिस्थितियां बदलती हैं तो ऐसे हालात में मेक इन इंडिया की जरूरत पहले से ज़्यादा होती है. भारत जैसा विशाल देश सिर्फ एक बाजार बनकर रह जाए तो भारत न तो कभी प्रगति कर पाएगा और न ही हमारी युवा पीढ़ी को मौके मिलेंगे. वैश्विक महामारी के दौर में भी हम देख रहे हैं कि विश्व में सप्लाई चेन (Supply Chain) किस तरह तहस-नहस हुई है.'

पीएम ने भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा का जिक्र करते हुए इस बात पर जोर दिया है कि हमें ऐसा सामान उपलब्ध कराना चाहिए, जिससे हमें किसी दूसरे देश की तरफ न देखना पड़े. एक बार मैंने लाल किले से भी कहा था कि जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट. इसका मतलब हमारा उत्पाद रत्तीभर भी खराब नहीं होना चाहिए. प्रतिस्पर्धा की दुनिया में क्वालिटी हमेशा ही मायने रखती है. अब हमारे पास आत्मनिर्भर बनने के अलावा कोई चारा नहीं, जैसे कि सेमीकंडक्टर के एरिया में. 

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पीएम मोदी ने वेबिनार में भी कहा कि हम इलेक्ट्रिक वाहनों में लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है, ऐसे में भारत इसमें अहम भूमिका है. चिकित्सा उपकरणों में ‘मेक इन इंडिया' को बढ़ावा दे सकते हैं. उद्योगों को अपने उत्पादों के विज्ञापनों में ‘वोकल फॉर लोकल' और ‘मेक इन इंडिया' के बारे ही बात करनी चाहिए. कोयला खनन और रक्षा क्षेत्रों को खोलने से अपार अवसरों के मार्ग प्रशस्त हुए हैं. निर्यात को प्रोत्साहित करने और ‘मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड को भी खासतौर पर मजबूत किया.

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