मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी पकड़ बनाने के लिए प्रयासरत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 103वें संस्करण को संबोधित करते हुए हज नीति में बदलाव करने के लिए सऊदी अरब सरकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इस बदलाव के कारण भारत की 4,000 से अधिक मुस्लिम महिलाओं ने बिना 'मेहरम' (पुरुष साथी) के हज किया. पीएम ने कहा कि कई महिलाओं ने मुझे पत्र लिखकर आशीर्वाद दिया है.
"मैं सऊदी अरब सरकार को धन्यवाद देता हूं"
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ पत्र ऐसे होते हैं जो आपको बहुत खुशी और प्रेरणा देते हैं. हज से लौटने के बाद मेरी मुस्लिम माताओं और बहनों ने मुझे जो पत्र लिखे हैं, वे ऐसे ही हैं. ये वे महिलाएं हैं जो बिना पुरुष सहयोगी के हज पर जाने में सक्षम हुई हैं. पुरुष साथी के बिना पहले अनुमति नहीं थी. मैं नीति में इस बदलाव के लिए सऊदी अरब सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं. पीएम मोदी ने इस बदलाव को "परिवर्तनकारी" बताया क्योंकि पुरुषों के बिना जाने वाली महिलाओं की संख्या कोई 50 या 100 नहीं थी बल्कि 4000 थी.
सऊदी अरब ने 2019 में लिया था फैसला
महिलाओं को लेकर मानवाधिकार के रिकॉर्ड की अंतरराष्ट्रीय जांच के बीच, सऊदी अरब ने 2019 में महिलाओं को बिना किसी पुरुष सहयोगी के भी हज यात्रा की अनुमति देने की घोषणा की थी. गौरतलब है कि हज भारत में राजनीतिक हलचल के केंद्र में रहा है. पीएम मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने शीर्ष संवैधानिक पदों और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में लोगों के लिए उपलब्ध हज कोटा को खत्म करने का फैसला लिया था. वहीं कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर हज सब्सिडी को खत्म करने का आरोप लगाया था. कांग्रेस के आरोपों के जवाब में केंद्र ने कहा था कि इसका दुरुपयोग किया जा रहा है.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ईरानी ने हाल ही में कहा था कि वीआईपी संस्कृति को खत्म करने के पीएम के संकल्प के तहत हज में विवेकाधीन कोटा खत्म करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी सरकार ने लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए हज यात्रा दिशानिर्देशों में कई बदलाव किए हैं, जिसमें हर साल सऊदी अरब जाने वाले वीआईपी प्रतिनिधिमंडल को अनुमति नहीं देना भी शामिल है.
4,314 भारतीय महिलाएं 'महरम' के बिना हज के लिए गईं
बताते चलें कि इस वर्ष कम से कम 4,314 भारतीय महिलाएं 'महरम (पुरुष साथी)' के बिना हज के लिए गईं, जो 2018 में सुधार के बाद से सबसे बड़ी संख्या है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने हवाई अड्डों और चिकित्सा पर स्वास्थ्य डेस्क के साथ हज यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए व्यापक व्यवस्था की थी. हर साल, सऊदी अरब दुनिया भर से मक्का की यात्रा के लिए लगभग 25 लाख से 30 लाख तीर्थयात्रियों की मेजबानी करता है और भारत दुनिया में तीर्थयात्रियों का तीसरा सबसे बड़ा दल भेजता है. भारत को 1,75,025 हज यात्रियों का कोटा आवंटित किया गया था. वार्षिक हजयात्रा जून के अंत में हुई थी.
बीजेपी मुस्लिम महिलाओं को साधने के प्रयास में है
तीन तलाक को अपराध घोषित करने के केंद्र के कदम से लेकर अब तक कई बार बीजेपी की तरफ से मुस्लिम महिलाओं को साधने का प्रयास होता रहा है. पीएम का मुस्लिम महिलाओं का जिक्र बीजेपी द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी तारिक मंसूर को अपने उपाध्यक्षों में से एक नियुक्त करने के एक दिन बाद आया है. मंसूर हिंदुओं और मुसलमानों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर मुगल राजकुमार दारा शिकोह की शिक्षाओं को बढ़ावा देने के प्रयासों पर आरएसएस के साथ काम कर रहे हैं. सीएए विरोधी आंदोलनों के दौरान एएमयू के वीसी के रूप में, सरकार समर्थक होने के कारण कई छात्रों ने उनकी भूमिका की आलोचना की थी. मंसूर भी एक पसमांदा मुस्लिम हैं, बीजेपी पिछले कुछ समय से पसमांदा मुसलमानों को लुभाने की कोशिश कर रही है.
पसमांदा मुसलमानों पर भी बीजेपी की है नजर
प्रधानमंत्री ने, विशेष रूप से हाल ही में भोपाल में बोलते हुए, समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए मुस्लिम पसमांदा समुदायों के नाम सूचीबद्ध किए थे, जिन्हें विपक्ष ने कभी आवाज नहीं दी. मंसूर के अलावा अब्दुल्ला कुट्टी भी बीजेपी के उपाध्यक्ष हैं. उन्हें पिछले साल नियुक्त किया गया था और वह हज समिति के प्रमुख भी हैं. पूर्व में सीपीएम और कांग्रेस के साथ रहे अब्दुल्ला कुट्टी हमेशा प्रधानमंत्री के शासन मॉडल की प्रशंसा में मुखर रहे हैं.
ये भी पढ़ें-