प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उत्तराखंड में एक सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को निकालने की प्रक्रिया में प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद सरकार उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का निरंतर प्रयास कर रही है. मोदी ने पिछले 15 दिनों से उत्तराखंड में एक सुरंग में फंसे श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए ‘कोटि दीपोत्सवम' में प्रार्थना की. ‘कोटि दीपोत्सवम' हिंदू कार्तिक माह के दौरान दीप प्रज्वलित करने का एक धार्मिक कार्यक्रम है.
उन्होंने कहा कि सरकार श्रमिकों को सुरक्षित और जल्द से जल्द निकालने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. मोदी ने कहा, “लेकिन, हमें इस राहत और बचाव अभियान को बहुत सतर्कता के साथ पूरा करना है. इस प्रयास में प्रकृति हमें लगातार चुनौतियां दे रही है, लेकिन हम मजबूती से डटे हैं. हम 24 घंटे प्रयास कर रहे हैं. हमें उन श्रमिकों की यथाशीघ्र सुरक्षित निकासी के लिए प्रार्थना करनी होगी.”
उन्होंने कहा कि सरकार और सभी एजेंसियां मिलकर श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. उन्होंने कहा, “आज जब हम ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं और मानव कल्याण की बात कर रहे हैं, तो हमें उन सभी श्रमिक भाइयों के लिए भी प्रार्थना करनी है, जो पिछले दो सप्ताह से उत्तराखंड में एक सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं.”
उन्होंने कहा कि श्रमिकों के परिजनों को यह साहस देने की जरूरत है कि पूरा देश उनके साथ है. उन्होंने प्रार्थना की कि ‘देव दीपावली' और ‘कोटि दीपोत्सवम' में जलाया गया हर दीपक उन फंसे हुए श्रमिकों के जीवन में जल्द से जल्द रोशनी लाये. सिलक्यारा में सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 12 नवंबर को 41 मजदूर इसमें फंस गए थे. इस घटना को अब 15 दिन हो गए हैं. घटना के तुरंत बाद बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था, लेकिन ड्रिलिंग में बाधाओं के कारण काम में देरी हुई.
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