PM मोदी की सरकार के निशाने पर सोशल मीडिया; वाट्सएप और ट्विटर का अब आक्रामक तेवर

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार साइबर अपराधों को जड़ से खत्म करने के बारे में और अधिक आक्रामक हो गई है और इस तरह के पोस्ट को  सोशल मीडिया पर FAKE NEWS (फर्जी समाचार) के नाम से पुकारती है. 2021 में जारी किए गए नियम के साथ भारतीय कानून के तहत इस तरह के सामग्री को हटाने के अनुरोधों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों के अधिकारियों को जेल भी हो सकती है.

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PM मोदी की सरकार साइबर अपराधों को जड़ से खत्म करने के बारे में और अधिक आक्रामक हो गई है
नई दिल्ली:

भारतीय फिल्म निर्माता संदीप रवींद्रनाथ ने मई में YouTube पर एक वीडियो पोस्ट किया था. ''Anthem for Kashmir' नाम का ये नौ मिनट का वीडियो एक युवा राजनीतिक कार्यकर्ता के बारे में है जिसे अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है. जून के अंत में, YouTube ने रवींद्रनाथ को एक नोट भेजा जिसमें कहा गया था कि एक सरकारी संस्था ने फिल्म के बारे में शिकायत की है. नोट में कहा गया कि सरकारी नोटिस का ब्योरा गोपनीय है इसलिए वो ज्यादा इस पर बात नहीं करेंगे लेकिन  कंपनी देश में ''Anthem for Kashmir'  को ऑफलाइन करने का फैसला ले रही है. फिल्म निर्माता हैरान नहीं था. उन्होंने कहा,"लोगों को सिर्फ फेसबुक पोस्ट के लिए जेल में डाल दिया गया है."

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार साइबर अपराधों को जड़ से खत्म करने के बारे में और अधिक आक्रामक हो गई है और इस तरह के पोस्ट को  सोशल मीडिया पर FAKE NEWS (फर्जी समाचार) के नाम से पुकारती है. 2021 में जारी किए गए नियम के साथ भारतीय कानून के तहत इस तरह के सामग्री को हटाने के अनुरोधों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों के अधिकारियों को जेल भी हो सकती है.

इस साल दो  भारतीय पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है. सरकार ने सार्वजनिक सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक के व्हाट्सएप को कुछ एन्क्रिप्टेड चैट के बारे में जानकारी देने के लिए भी कदम बढ़ाया है.

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निस्संदेह बढ़ते इंटरनेट बेस की बजह से पिछले कुछ दिनों में सरकार की चिंता बढ़ी है. हालांकि, आलोचकों का कहना है कि हाल के कदम केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति पर नकेल कसने का एक बहाना मात्र है. नागरिक अधिकार समूह Access Now के एशिया नीति निदेशक रमन जीत सिंह चीमा कहते हैं, इंटरनेट को नियंत्रित करने के लिए करीबन एक दशक पहले पिछली सरकार के दौरान भारत का पहला नियम तब वजूद में आया था जब एक आतंकवादी हमला हुआ था. बहरहाल अभी भी जो नियम-कानून हैं वो अन्य बड़े लोकतंत्रों के अनुरूप ही हैं.

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बहरहाल,  यह अमेरिकी सोशल मीडिया दिग्गजों के लिए गंभीर कठिनाइयां पैदा करता है. बता दें कि इन कंपनियों के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार है और अब वे अपना विऱोध दर्ज कर रहे हैं. व्हाट्सएप ने सूचनाओं को चालू करने की आवश्यकताओं के जवाब में मुकदमा दायर किया. ट्विटर इंक ने पीएम मोदी की भारतीय जनता पार्टी के राजनेताओं के अभद्र भाषा वाले पोस्ट को हटा दिया है. सरकार ने भी बहुत सारे ट्वीट और खातों को हटाने का ट्विटर से अनुरोध किया. इतना ही नहीं नई दिल्ली में ट्विटर के कार्यालय पर छापा भी मारा गया है. जुलाई की शुरुआत में, ट्विटर ने खातों को हटाने के आदेशों को चुनौती देने के लिए अदालत में एक याचिका दायर की.

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भारत में YouTube  यूजर्स की संख्या काफी अधिक है. हालिया आंकड़ा 325 मिलियन मासिक दर्शक था.  YouTube कंपनी के अनुसार, पिछले साल भारत सरकार ने YouTube को 1,670 एकाउंट को बंद करने का अनुरोध किया था. ये संख्या अमेरिका की तुलना में आठ गुना अधिक था.

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YouTube के प्रवक्ता जैक मेलन ने ''Anthem for Kashmir'  पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने एक बयान में कहा, "दुनिया भर की सरकारों से हटाने के अनुरोधों के लिए हमारी स्पष्ट नीतियां हैं." "जहां उचित हो, हम पूरी समीक्षा के बाद स्थानीय कानूनों और हमारी सेवा की शर्तों को ध्यान में रखते हुए सामग्री को प्रतिबंधित या हटाते हैं."

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