मोरबी पहुंचे पीएम मोदी, हादसे के बाद बचाव कार्यों में शामिल हुए लोगों से की मुलाकात

पीएम मोदी उन लोगों से भी मिले जिन्होंने रविवार को हुए इस हादसे के बाद लोगों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्यों में हिस्सा लिया था. सूत्रों के अनुसार उन्होंने रेस्क्यू में शामिल इन लोगों से घटना को लेकर भी बात की. 

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
मोरबी में राहत-बचाव कार्य में हिस्सा ले चुके लोगों से मिले पीएम मोदी
नई दिल्ली:

पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मोरबी का दौरा किया. इस दौरान पीएम पुल हादसे वाली जगह पर भी गए, साथ ही उन्होंने एक हाई लेवल मीटिंग भी की. इस मीटिंग में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों शामिल हुए. इस बैठ के बाद पीएम मोदी उन लोगों से भी मिले जिन्होंने रविवार को हुए इस हादसे के बाद लोगों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्यों में हिस्सा लिया था. सूत्रों के अनुसार उन्होंने रेस्क्यू में शामिल इन लोगों से घटना को लेकर भी बात की. रेस्क्यू टीम ने अभी तक 170 लोगों की जान बचाई है. टीम मंगलवार सुबह से ही फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर चुकी है.

इस हादसे के बाद रेस्क्यू शुरू होने से पहले कुछ स्थानीय लोग ऐसे भी थे जिन्होंने प्रशासन की मदद से पहले लोगों के बचाने के लिए अपने प्रयास किए थे. इन्हीं में से एक जिग्नेश लाल जी भाई से एनडीटीवी ने खास बातचीत की थी. आर्मी ज्वॉइन करने की तैयारी कर रहे युवाओं को फ्री में फिजिकल फिटनेस की ट्रेनिंग देने वाले जिग्नेश भाई ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम के पहुंचने से पहले कम से कम 90 लोगों को बचा लिया था. इनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं शामिल थे. 

NDTV से बातचीत में जिग्नेश लाल जी भाई ने हादसे के बारे में कई बातें बताई थी. उन्होंने कहा था कि रविवार शाम को वो लड़कों को दौड़ाकर लौट रहे थे. तभी उन्होंने पुल को टूटते देखा. जब तक वो पुल के पास पहुंचते... ये आधा टूट चुका था. बकौल जिग्नेश, 'मैंने अपने लड़कों को बोला जितना तेज दौड़ सकते हो दौड़ो और पुल पर मदद के लिए पहुंचो. जो लड़के तैरना जानते थे. उनको मैंने नदी में कूदकर लोगों को बचाने के लिए कहा. जो तैर नहीं सकते थे उन्हें रस्सी के सहारे लोगों को बचाने की हिदायद दी गई. मैं और कुछ लड़के टूटे ब्रिज से रस्सी के सहारे नीचे गए. अब तक हमारी टीम ने 90 लोगों को बचा लिया है. इसमें बच्चे और महिलाएं ज्यादा शामिल हैं. पुरुषों के लिए हमने रस्सियां फेंकी, ताकि उसके सहारे वो किनारे आ सके.'

Advertisement

वहीं, इस हादसे का गवाह बनी  एक महिला हसीना भेन उस दर्दनाक मंजर को बयान करते हुए कहा था कि मुझे पता ही नहीं चला की सुबह कब हुई. मैं और मेरा परिवार पूरी रात लोगों को अस्पताल पहुंचाने में लगे रहे. हमने अपने दोनों वाहनों से लोगों को अस्पताल पहुंचाया. पूरा परिवार लोगों की मदद करने में लगा रहा. हसीना ने कहा था कि जब मृत बच्चों के शव मैंने अपने हाथों से उठाए तो मेरे हाथ कांप रहे थे. मैं उन्हें अस्पातल ले जाने का सोच रही थी, लेकिन उनमें कुछ नहीं बचा था. इस हादसे ने मुझे तोड़ दिया है. मैं इससे ज्यादा नहीं बोल सकती.' और बोलते-बोलते हसीना की आंखों में फिर से आंसू आ गए.

Advertisement

Watch : OREVA कंपनी के मालिक जयसुख पटेल के फार्म हाउस पर पहुंची NDTV की टीम, सिर्फ गार्ड ही मिले

Advertisement

Featured Video Of The Day
Assembly Elections 2024: कैसे होती है आपके वोट की गिनती? | Maharashtra Election | Jharkhand Election
Topics mentioned in this article