प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा शुरू करते हुए शुक्रवार को यहां भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की. भूटान नरेश से मुलाकात से पहले मोदी का भव्य स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री मोदी ‘पड़ोस प्रथम' की नीति के तहत भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भूटान पहुंचे.
मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘मैं भूटान के लोगों, खासकर युवाओं का उनके खूबसूरत देश में यादगार स्वागत के लिए आभारी हूं.'' उन्होंने भूटान के विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ बातचीत की तस्वीरें भी साझा कीं.
पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने भूटानी युवाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री मोदी का देश में स्वागत करते हुए उनके द्वारा लिखे एक गरबा गीत पर नृत्य किया. मोदी ने उन्हें नृत्य करते हुए देखा और प्रस्तुति के अंत में उनकी सराहना की. वहीं भूटान के प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर हिंदी में लिखा, ‘‘भूटान में आपका स्वागत है मेरे बड़े भाई.''
भारत और भूटान के बीच राजनयिक संबंध 1968 में स्थापित हुए थे. भारत-भूटान संबंधों की मूल रूपरेखा 1949 में दोनों देशों के बीच हुई मित्रता एवं सहयोग संधि रही है, जिसमें फरवरी 2007 में संशोधन किया गया था. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि यह यात्रा भारत और भूटान के बीच नियमित रूप से होने वाली उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की ‘पड़ोस प्रथम' की नीति पर जोर देने की कवायद के अनुरूप है. यह यात्रा 21 से 22 मार्च को होनी थी लेकिन भूटान में खराब मौसम के कारण इसे टाल दिया गया था.