प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में अपनी सरकार के नए कृषि सुधार कानूनों का बचाव किया और कहा कि इन कानूनों को लागू किए जाने का यह सही समय है. पीएम ने इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर कृषि कानूनों को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह के एक कथन का जिक्र भी किया.
पीएम ने आंदोलन कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील भी की और कहा कि वो एक बार सदन से भी बातचीत का निमंत्रण दे रहे हैं कि सब मिल-बैठकर बातचीत करें. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर हुई धन्यवाद प्रस्ताव चर्चा के अपने जवाब के दौरान पीएम ने किसानों के मुद्दे पर कहा कि 'मैं बार-बार कह रहा हूं. हम सब मिल-बैठकर बात करने को तैयार हैं. मैं आज सदन से भी निमंत्रण देता हूं. MSP था, MSP है और MSP रहेगा. हमें भ्रम नहीं फैलाना चाहिए.'
पीएम ने आरोप लगाया कि विपक्ष ने किसान आंदोलन पर खूब बात की, लेकिन किसानों के असली मुद्दे पर बात नहीं की. उन्होंने कहा, 'सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है. ज्यादा से ज्यादा समय जो बातें बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गईं. किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे. जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती.' पीएम ने कहा, '1971 में 1 हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों की संख्या 51 फीसदी थी जो आज बढ़कर 68% हो गई है. यानी उन किसानों की संख्या बढ़ रही है जिनके पास बहुत कम जमीन है. आज देश में 86 फ़ीसदी ऐसे किसान हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है. ऐसे 12 करोड़ किसान हैं. क्या इनके प्रति हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है?'
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छोटे किसानों के लिए चलाई जा रहीं सरकार की कई योजनाएं गिनाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली हर सरकार ने कृषि सुधारों की बात की थी, लेकिन अब कई पार्टियों ने 'U-टर्न' ले लिया है. उन्होंने कहा कि 'यह सही है कि आप (विपक्ष) सरकार पर हमला कर रहे हैं लेकिन आपको किसानों को भी बताना चाहिए था कि विकास के लिए बदलाव जरूरी हो गया है.'
उन्होंने मनमोहन सिंह की एक पुरानी बात का जिक्र करते हुए कहा कि 'विपक्ष कम से उन्हें नहीं तो मनमोहन सिंह को सुनेगा.' उन्होंने कहा कि 'हमारा इरादा उन सभी बाधाओं को हटाने का है, जो भारत को एक बड़ा एकीकृत बाजार (one large common market) बनने से रोकती हैं. मनमोहन जी ने किसानों को एक मुक्त बाजार और भारत को एक बड़ा कॉमन मार्केट बनाने की बात की थी.'
इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 'आपको गर्व होना चाहिए कि- मनमोहन सिंह जी ने इसकी बात की थी और मोदी को यह करना पड़ रहा है.'